क्या नैनीताल की कैंडल्स दीपावली में सांस्कृतिक विरासत और कारीगरी की चमक पेश कर रही हैं?

सारांश
Key Takeaways
- हस्तनिर्मित कैंडल्स स्थानीय कारीगरी का प्रतीक हैं।
- दीपावली पर नैनीताल की कैंडल्स की मांग बढ़ जाती है।
- कैंडल्स पर पारंपरिक कला की नक्काशी होती है।
- स्थानीय कारीगरों के लिए यह एक आजीविका का साधन है।
- पर्यटकों के लिए स्मृति चिह्न के रूप में लोकप्रिय हैं।
नैनीताल, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड की झीलों की नगरी नैनीताल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ पारंपरिक कैंडल मेकिंग कला के लिए भी जानी जाती है। दीपावली के इस त्यौहार पर, नैनीताल के बाजार रंग-बिरंगी, हस्तनिर्मित मोमबत्तियों से सज गए हैं, जो स्थानीय कारीगरी और सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत मिश्रण प्रस्तुत कर रहे हैं।
बड़ा बाजार में स्थित 'महरोत्रा हाउस ऑफ वैक्स' की कैंडल्स पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। इस दुकान की मालिक वर्षा महरोत्रा बताती हैं कि हर साल दीपावली में नई थीम और डिजाइनों की कैंडल्स शुरू की जाती हैं, जो ग्राहकों को आकर्षित करती हैं।
इस बार 'ऐपण कैंडल्स' और 'मिठाई कैंडल्स' सबसे अधिक चर्चा में हैं। ऐपण कैंडल्स पर उत्तराखंड की पारंपरिक लोक कला 'ऐपण' की बारीक नक्काशी की गई है, जो प्रदेश की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाती है। वहीं, मिठाई कैंडल्स लड्डू, बर्फी और गुलाब जामुन जैसे आकारों में बनाई गई हैं, जो इतनी वास्तविक लगती हैं कि लोग इन्हें देखकर हैरान रह जाते हैं।
वर्षा बताती हैं कि उनकी हर कैंडल पूरी तरह हस्तनिर्मित है, जिसमें स्थानीय कारीगरों की मेहनत और रचनात्मकता झलकती है। इस समय अरोमा कैंडल्स, फ्लोटिंग कैंडल्स, थीम कैंडल्स और गिफ्ट हैंपर की मांग बहुत अधिक है।
कीमत के संदर्भ में कैंडल्स 200 रुपए से शुरू होकर डिज़ाइन और आकार के आधार पर महंगी होती हैं, जबकि गिफ्ट हैंपर 400 से 500 रुपए में उपलब्ध हैं। हालांकि, ऑनलाइन शॉपिंग और मशीन-मेड कैंडल्स के कारण यह पारंपरिक कला कुछ प्रभावित हुई है, लेकिन पर्यटकों की रुचि और कारीगरों की मेहनत इसे जीवित रखे हुए है।
गुजरात के सूरत से आई पर्यटक बलवर ध्रुवा ने कहा, "नैनीताल की वादियाँ और कैंडल्स दोनों अनोखी हैं। मैं इन्हें सूरत ले जाकर दोस्तों को उपहार दूंगी।"
उनके मित्र बलवर घनश्याम ने भी कैंडल्स की अनूठी डिज़ाइन की प्रशंसा की और कहा कि ऐसी रचनात्मकता कहीं और देखने को नहीं मिलती।
स्थानीय रंगकर्मी किशन लाल ने बताया, "नैनीताल की कैंडल्स देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं। नए डिज़ाइन ने पर्यटकों को और आकर्षित किया है, जिससे कारोबार बढ़ रहा है।"
व्यवसायी इमरान ने बताया, "वैक्स को पिघलाकर सेब, फ्रूट बास्केट, मिठाई, और पाल नौकाओं जैसे डिज़ाइन में ढाला जाता है। ये कैंडल्स नैनीताल की पहचान हैं। पर्यटक इन्हें स्मृति चिह्न के रूप में खरीदते हैं और अपनों को भेंट करते हैं।"
नैनीताल की ये कैंडल्स न केवल दीपावली की रौनक बढ़ा रही हैं, बल्कि स्थानीय कारीगरी और सांस्कृतिक धरोहर को विश्व स्तर पर पहचान दिला रही हैं। यह कला न केवल पर्यटन को बढ़ावा दे रही है, बल्कि स्थानीय कारीगरों के लिए आजीविका का स्रोत भी बनी हुई है।