क्या महाराष्ट्र के नालासोपारा में खादी की धूम है, 'स्वदेशी अपनाओ, देश बचाओ' अभियान की सफलता?

सारांश
Key Takeaways
- खादी पर 20 प्रतिशत की छूट 2 अक्टूबर को है।
- खादी सिर्फ वस्त्र नहीं, यह एक आंदोलन है।
- प्रधानमंत्री मोदी ने खादी को बढ़ावा दिया है।
- जय हिंद खादी भंडार में विभिन्न परिधान उपलब्ध हैं।
- स्वदेशी अपनाने का जज्बा बढ़ रहा है।
नालासोपारा, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के नालासोपारा (पूर्व) में स्थित जय हिंद खादी भंडार इस समय ग्राहकों की भीड़ से भरा हुआ है। 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर खादी वस्त्रों पर 20 प्रतिशत की विशेष छूट की घोषणा ने खादी प्रेमियों की संख्या में तेजी से वृद्धि की है।
खादी भंडार के संचालक सुनील कुमार सिंह ने राष्ट्र प्रेस को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' में 2 अक्टूबर को खादी खरीदने की अपील की है, जिसका प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। ग्राहक 1 अक्टूबर से ही बड़ी संख्या में आ रहे हैं ताकि 2 तारीख को होने वाली भीड़ से बच सकें।
ग्राहकों का उत्साह बहुत अच्छा है। एक ग्राहक ने कहा, "हम केवल कपड़ा नहीं खरीदते, हम एक विचार खरीदते हैं, स्वदेशी अपनाओ, देश बचाओ। खादी केवल वस्त्र नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक है।"
दुकानदारों का मानना है कि इस तरह की पहलों से न केवल खादी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि देशी उत्पादों के प्रति लोगों में गर्व और जुड़ाव भी बढ़ेगा। जय हिंद खादी भंडार में इस समय कुर्ते, जैकेट, पायजामा, पेंट और शर्ट जैसे कई पारंपरिक और आधुनिक खादी परिधान उपलब्ध हैं।
मोदी सरकार के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान और आत्मनिर्भर भारत के संदेश के साथ, नालासोपारा के इस खादी भंडार की रौनक यह दर्शाती है कि आज भी लोगों के दिलों में खादी न केवल एक कपड़े के रूप में, बल्कि एक आंदोलन के रूप में जिंदा है।
जय हिंद खादी भंडार पर खादी का वस्त्र लेने आए मनोज यादव ने कहा कि मैं 2 अक्टूबर से एक दिन पहले खादी का कपड़ा लेने आया हूं, क्योंकि उस दिन विजयादशमी का उत्सव है और भीड़ अधिक होगी। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में स्वदेशी और खादी को बढ़ावा देने की अपील की है। मैं इससे बहुत प्रभावित हूं।