क्या आंध्र प्रदेश में यूरिया की कमी को लेकर मंत्री नारा लोकेश ने जेपी नड्डा से मुलाकात की?

सारांश
Key Takeaways
- यूरिया की कमी पर तात्कालिक आपूर्ति की मांग।
- प्लास्टिक पार्क की स्थापना का प्रस्ताव।
- शैक्षणिक बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए एनआईपीईआर का स्थायी परिसर।
- पोलावरम परियोजना और अमरावती के विकास की आवश्यकता।
- डबल-इंजन सरकार का विकास के प्रति समर्पण।
नई दिल्ली, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। आंध्र प्रदेश के शिक्षा, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री नारा लोकेश ने सोमवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य, उर्वरक एवं रसायन मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात की। इस बैठक में उन्होंने राज्य में यूरिया की गंभीर कमी और प्रदेश के विकास से संबंधित कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की।
बैठक के दौरान मंत्री नारा लोकेश ने चालू खरीफ सीजन में यूरिया की भारी कमी पर ध्यान केंद्रित किया और केंद्र सरकार से किसानों के लिए आवश्यक आपूर्ति को तुरंत उपलब्ध कराने का अनुरोध किया।
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए आश्वासन दिया कि 21 अगस्त तक आंध्र प्रदेश को 29,000 मीट्रिक टन यूरिया आवंटित किया जाएगा, जिससे इस कमी का प्रभावी समाधान संभव हो सकेगा।
इसके अलावा, मंत्री लोकेश ने स्थानीय उद्योग को समर्थन देने और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न करने के लिए एक प्लास्टिक पार्क की स्थापना का प्रस्ताव रखा।
शैक्षणिक बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए मंत्री नारा लोकेश ने विशाखापत्तनम में राष्ट्रीय औषधि शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईपीईआर) के स्थायी परिसर की स्थापना पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के लिए 100 एकड़ भूमि निर्धारित की जा चुकी है और इस दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है।
मंत्री नारा लोकेश ने केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा को गठबंधन सरकार के तहत पिछले 14 महीनों में विभिन्न विकास कार्यों की प्रगति के विषय में जानकारी दी और लंबित परियोजनाओं के लिए केंद्र से सहयोग की अपील की।
उन्होंने पोलावरम परियोजना और अमरावती को राज्य की राजधानी के रूप में विकसित करने जैसी प्रमुख पहलों में तेजी लाने की आवश्यकता पर बल दिया, जो राज्य के विकास और बुनियादी ढांचे के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
मंत्री लोकेश ने कहा कि आंध्र प्रदेश और केंद्र सरकार का संयुक्त सहयोग डबल-इंजन की सरकार के रूप में प्रदेश के विकास के लिए समर्पित है। विकास हमारी प्राथमिकता है और हम इस दिशा में निरंतर प्रयास कर रहे हैं।