क्या जदयू के विधायक नरेंद्र नारायण यादव बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए?
सारांश
Key Takeaways
- नरेंद्र नारायण यादव बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष बने।
- वे प्रोटेम स्पीकर रह चुके हैं।
- जदयू की राजनीतिक स्थिति मजबूत बनी हुई है।
पटना, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जदयू के विधायक नरेंद्र नारायण यादव को आज सर्वसम्मति से बिहार विधानसभा का उपाध्यक्ष चुना गया। विधानसभा के अध्यक्ष प्रेम कुमार ने सदन में इसकी आधिकारिक घोषणा की।
इससे पूर्व, यादव 18वीं विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। उनके मार्गदर्शन में ही बिहार विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन सम्पन्न हुआ। इसके अलावा, वे 17वीं विधानसभा के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।
उपाध्यक्ष पद के लिए मंगलवार को ही नरेंद्र नारायण यादव ने नामांकन पत्र भरा था। इस पद के लिए अन्य किसी भी उम्मीदवार ने नामांकन नहीं किया, जिससे उनका निर्विरोध चुना जाना सुनिश्चित था।
नरेंद्र नारायण यादव मधेपुरा जिले के आलमगंज विधानसभा क्षेत्र से जदयू के विधायक हैं। वे 1995 में पहली बार विधायक बने थे। 2025 में इसी विधानसभा क्षेत्र से उनकी आठवीं जीत हुई है। इसके अलावा, वे नीतीश कैबिनेट में मंत्री भी रह चुके हैं।
गौरतलब है कि भाजपा के नेता और गया सदर के विधायक प्रेम कुमार को मंगलवार को बिहार विधानसभा में सर्वसम्मति से अध्यक्ष निर्वाचित किया गया। अध्यक्ष निर्वाचन के बाद, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने नव निर्वाचित अध्यक्ष को आसन तक पहुंचाया।
प्रेम कुमार पहली बार 1990 में विधायक बने थे और तब से लगातार नौ बार जीत दर्ज कर चुके हैं। वे अत्यंत पिछड़ा वर्ग के नेताओं में अपनी पहचान बना चुके हैं। 2015 से 2017 तक नेता विरोधी दल रह चुके हैं।
हाल में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 89 सीटों पर जीत हासिल की। दूसरे नंबर पर नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) 85 सीटों के साथ है। जबकि चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति (आर) ने 19 सीटों पर जीत प्राप्त की, जो एनडीए में तीसरे नंबर की सबसे बड़ी पार्टी और पूरे बिहार में चौथे नंबर की पार्टी रही। एनडीए में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को 5 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 4 सीटों पर जीत मिली है। प्रदेश की मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को 25 सीटें प्राप्त हुईं जबकि कांग्रेस को 6 सीटों पर संतोष करना पड़ा।