क्या कैबिनेट ने नासिक-सोलापुर-अक्कलकोट सिक्स-लेन ग्रीनफील्ड कॉरिडोर को मंजूरी दी? पीएम मोदी ने कहा- 'ग्रोथ के लिए नेक्स्ट-जेन इंफ्रास्ट्रक्चर'
सारांश
Key Takeaways
- 374 किलोमीटर लंबा सिक्स-लेन ग्रीनफील्ड कॉरिडोर
- कुल लागत: 19,142 करोड़ रुपए
- यात्रा समय में 17 घंटे की कमी
- 251.06 लाख प्रत्यक्ष मानव-दिवस रोजगार
- क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूती
नई दिल्ली/मुंबई, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्ष 2025 के अंत में मोदी सरकार ने महाराष्ट्र को एक महत्वपूर्ण विकास उपहार दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने 374 किलोमीटर लंबे सिक्स-लेन ग्रीनफील्ड एक्सेस-कंट्रोल्ड नासिक-सोलापुर-अक्कलकोट कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी प्रदान की है।
इस परियोजना का कुल बजट 19,142 करोड़ रुपए है और इसे बीओटी (बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर) टोल प्रणाली पर विकसित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "ग्रोथ के लिए नेक्स्ट-जेन इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जा रहा है। कैबिनेट ने महाराष्ट्र में सिक्स-लेन नासिक-सोलापुर-अक्कलकोट ग्रीनफील्ड कॉरिडोर को मंजूरी दी है। यह प्रोजेक्ट यात्रा समय को काफी कम करेगा, पश्चिम से पूर्व कनेक्टिविटी में सुधार करेगा, लॉजिस्टिक्स को प्रोत्साहित करेगा और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगा, जिससे आर्थिक विकास में तेजी आएगी।"
यह परियोजना प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत एकीकृत परिवहन अवसंरचना विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कॉरिडोर नासिक, अहिल्यानगर (अहमदनगर), धराशिव (ओसमानाबाद) और सोलापुर जिलों को जोड़ते हुए आगे कुरनूल (आंध्र प्रदेश) तक पहुंच प्रदान करेगा। यह पश्चिमी तट से पूर्वी तट तक सीधी कनेक्टिविटी स्थापित करेगा।
यह परियोजना दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (वधावन बंदरगाह इंटरचेंज के पास), आगरा-मुंबई कॉरिडोर (नासिक में एनएच-60 अदेगांव जंक्शन पर) और समृद्धि महामार्ग (पांगरी, नासिक के पास) से भी जुड़ी होगी। चेन्नई बंदरगाह से हसापुर (महाराष्ट्र सीमा) तक लगभग 700 किलोमीटर का फोर-लेन कॉरिडोर पहले से निर्माणाधीन है, जो इसे पूर्ण सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे का हिस्सा बनाता है।
परियोजना के पूरा होने पर कई लाभ देखने को मिलेंगे, जिसमें यात्रा समय में 17 घंटे (31 घंटे से 45 प्रतिशत कमी), यात्रा दूरी में 201 किलोमीटर की कमी, औसत वाहन गति 60 किलोमीटर/घंटा, डिजाइन गति 100 किलोमीटर/घंटा, क्लोज टोलिंग सिस्टम के साथ सुरक्षित, तेज और निर्बाध यातायात, लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार शामिल हैं।
रोजगार सृजन के मामले में यह परियोजना 251.06 लाख प्रत्यक्ष मानव-दिवस और 313.83 लाख अप्रत्यक्ष मानव-दिवस का रोजगार उत्पन्न करेगी। कॉरिडोर के आसपास आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि से अतिरिक्त रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे, जिससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, औद्योगिक विकास को गति मिलेगी और यात्री-मालवाहक वाहनों के लिए बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित होगी।