क्या नवादा में दिव्यांगजनों के लिए रोजगार और करियर मार्गदर्शन शिविर आयोजित हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- दिव्यांगजनों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना
- करियर मार्गदर्शन प्रदान करना
- शिविर में 75 दिव्यांगजन शामिल हुए
- 34 का चयन सफलतापूर्वक किया गया
- दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाना
नवादा, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार राज्य के नवादा जिले में दिव्यांगजनों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने और करियर मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए शनिवार को संयुक्त श्रम भवन परिसर में एक दिवसीय नियोजन-सह-करियर एवं व्यावसायिक मार्गदर्शन शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर का उद्घाटन जिला नियोजन पदाधिकारी सुनील कुमार सुमन, सीनियर डिप्टी कलेक्टर अमरनाथ कुमार और अन्य अधिकारियों ने मिलकर दीप प्रज्वलित कर किया।
इस शिविर में कुल आठ नियोजकों ने भाग लिया। इनमें फ्रीडम एम्प्लॉयबिलिटी अकादमी नई दिल्ली, धरमशीला देवी मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल नवादा, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) नवादा, स्तुति सोशल वेलफेयर फाउंडेशन, डोमिनोज नवादा, टाटा मोटर्स (मां मुंडेश्वरी टाटा मोटर्स) नवादा, भारत गैस एजेंसी नवादा और शर्मा एंटरप्राइजेज लिमिटेड शामिल रहे। शिविर में नॉन-मैट्रिक से लेकर स्नातक, आईटीआई और डिप्लोमा उत्तीर्ण दिव्यांग अभ्यर्थी शामिल हुए। अभ्यर्थियों की आयु सीमा 18 से 50 वर्ष रखी गई थी। चयनित उम्मीदवारों के लिए कार्यस्थल नवादा, हाजीपुर (बिहार) और बावल (हरियाणा) निर्धारित किए गए।
शिविर में कुल 75 दिव्यांगजन उपस्थित हुए। नियोजकों ने इनमें से 63 अभ्यर्थियों के बायोडाटा प्राप्त किए और प्रथम स्तर पर 34 दिव्यांगजनों का चयन किया। यह शिविर दिव्यांगजनों को मुखधारा में लाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध नौकरियों की जानकारी ली और करियर संबंधी मार्गदर्शन भी प्राप्त किया।
कार्यक्रम में अनुमंडल पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण पदाधिकारी नवादा सदर अमित चटर्जी, अनुमंडल पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण पदाधिकारी जिला मुख्यालय नवादा पूजा मित्तल और दिव्यांगजन संघ के अध्यक्ष सहित कई आवेदक मौजूद रहे। अधिकारियों ने अभ्यर्थियों को प्रोत्साहित किया और नियोजकों से चयनित उम्मीदवारों को जल्द नियुक्ति देने का आग्रह किया।
जिला नियोजन पदाधिकारी सुनील कुमार सुमन ने कहा कि ऐसे शिविरों से दिव्यांगजनों को समाज में सम्मानजनक स्थान मिलता है और उनकी क्षमताओं का सही उपयोग होता है। प्रशासन की कोशिश है कि अधिक से अधिक दिव्यांगजन रोजगार प्राप्त करें और आत्मनिर्भर बनें। शिविर की सफलता से जिले में दिव्यांगजनों के बीच उम्मीद की नई किरण जगी है।