क्या एनडीए की पहचान विकास से और राजद-कांग्रेस की पहचान विनाश से है?
सारांश
Key Takeaways
- एनडीए की पहचान विकास से है।
- राजद और कांग्रेस का नाता विनाश से है।
- कोसी महासेतु का निर्माण बिहार में परिवहन को बेहतर बनाता है।
- बिहार की जनता ने राजद को खारिज किया।
- वोटिंग का महत्व समझें।
सहरसा, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजद और कांग्रेस पर जोरदार प्रहार किया है। बिहार के सहरसा में आयोजित रैली में उन्होंने कहा कि राजद और कांग्रेस का विकास से कोई संबंध नहीं है। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि एनडीए की पहचान विकास पर आधारित है, जबकि राजद और कांग्रेस की पहचान विनाश से है।
उन्होंने कोसी महासेतु के रेल पुल का उदाहरण देते हुए कहा कि इस पुल का शिलान्यास 2003 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था। 2004 में राजद के समर्थन वाली दिल्ली में कांग्रेस की सरकार बनी, लेकिन 2005 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हुआ। बिहार की जनता ने राजद को खारिज कर दिया था। इस कारण राजद के नेताओं का अहंकार बढ़ गया और उन्होंने बिहार को बर्बाद करने की कोशिश की।
पीएम मोदी ने आगे कहा, "राजद के नेताओं ने मनमोहन सिंह और सोनिया के साथ बैठकर बिहार में बदला लेने की कोशिश की। बिहार के विकास के लिए जो भी परियोजनाएं थीं, उन पर ताले लगा दिए गए। कांग्रेस और राजद ने कोसी महासेतु को अधर में लटका दिया।"
उन्होंने बताया कि राजद और कांग्रेस की बदले की राजनीति के कारण बिहार के लोगों को दशकों तक परेशानियों का सामना करना पड़ा। पहले कोसी और मिथिलांचल के लोगों को 300 किमी की यात्रा करनी पड़ती थी, लेकिन अब यह यात्रा 30 किमी से भी कम रह गई है।
उन्होंने कहा, "2014 में मुझे देश की सेवा का मौका मिला। मैंने फाइलें मंगवाईं और काम में तेजी लाई। अंततः 2020 में एनडीए सरकार ने बिहार को यह पुल सौंपा। अब कोसी नदी पर कई पुल और सड़कें बन रही हैं।"
सहरसा की जनता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जिन्होंने (राजद) बिहार के लोगों का नुकसान किया, उन्हें सजा मिलनी चाहिए और इस बार चुनाव में जनता उन्हें सजा दे।
उन्होंने एनडीए के प्रत्याशियों के समर्थन में वोट मांगते हुए कहा कि बिहार में पहले चरण का मतदान अब मात्र 2 दिन दूर है। 6 नवंबर की सुबह सहरसा और मधेपुरा में वोट डाले जाएंगे। जो वोट आप डालेंगे, वह सरकार बनाने वाला वोट होना चाहिए।