क्या एनडीए में कोई परिवारवाद नहीं है? भाजपा प्रवक्ता अफजल शम्सी का स्पष्ट बयान
सारांश
Key Takeaways
- एनडीए में परिवारवाद का कोई स्थान नहीं है।
- राजद की राजनीति एक परिवार तक सीमित रह गई है।
- लालू यादव का परिवार केवल अपने हितों की चिंता करता है।
- बिहार में एम-वाय समीकरण खत्म हो चुका है।
- जनता ने राजद को सत्ता से बाहर रखने का निर्णय लिया है।
पटना, 25 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा प्रवक्ता अफजल शम्सी ने शनिवार को यह स्पष्ट किया कि एनडीए में किसी प्रकार का परिवारवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि एनडीए में कोई परिवारवाद नहीं है। जैसे कि एक डॉक्टर का बेटा डॉक्टर बन सकता है, और आईएएस का बेटा आईएएस बन सकता है, वैसे ही एक राजनेता का भी बेटा राजनेता बन सकता है। इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की राजनीति एक व्यक्ति और परिवार तक सीमित रह गई है। राजद में एक ही परिवार का शासन लम्बे समय से चला आ रहा है और यह लोग बिहार का शोषण कर रहे हैं। इन्हें बिहार की स्थिति से कोई सरोकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि लालू यादव का परिवार केवल अपने परिवार के हितों की ही चिंता करता है। ये लोग यादव जाति के मुद्दे उठाते हैं, लेकिन मेरा सीधा सवाल है कि क्या उनके परिवार को छोड़कर, बिहार में कितने यादव परिवारों का भला हुआ है?
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि बिहार में एम-वाय समीकरण पूरी तरह समाप्त हो चुका है। स्थिति ऐसी है कि यदि यही मुख्यमंत्री बनते हैं, और यही लोग उप-मुख्यमंत्री बनते हैं, तो सवाल उठता है कि बाकी लोगों का क्या होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए, जनता ने राजद को सत्ता से बाहर रखने का मन बना लिया है। राजद ने ऐसी व्यवस्था बना रखी है जहाँ वोट तो राजद को मिलेंगे, लेकिन मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री का पद एक ही परिवार के सदस्य को दिया जाएगा।