क्या नेपाल में शांति और स्थिरता कायम होना आवश्यक है? : मुकेश राजपूत

सारांश
Key Takeaways
- लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन का अधिकार महत्वपूर्ण है।
- शांति बनाए रखना हर नागरिक का कर्तव्य है।
- नेपाल और भारत के मैत्रीपूर्ण संबंध आवश्यक हैं।
- आर्थिक और सामाजिक लाभ के लिए सहयोग आवश्यक है।
- हिंसक प्रदर्शनों का निंदा करना आवश्यक है।
नई दिल्ली, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। नेपाल में हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद मुकेश राजपूत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने नेपाल में हो रहे इन प्रदर्शनों की कड़ी निंदा की।
उन्होंने कहा, "लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने और गुस्सा व्यक्त करने का अधिकार है, लेकिन यह लोकतांत्रिक तरीके से होना चाहिए। आंदोलनकारियों से मेरी अपील है कि वे जनहानि और आगजनी जैसे कृत्यों से बचें। प्रदर्शनकारी उसी राष्ट्र के नागरिक हैं, इसलिए उन्हें शांति बनाए रखने की दिशा में कार्य करना चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा कि नेपाल भारत का नजदीकी पड़ोसी देश है और भारत के हर नागरिक की इच्छा है कि वहां शांति और स्थिरता कायम रहे। मैं चाहता हूं कि नेपाल में जल्द से जल्द शांति बहाल हो। भारत हमेशा अपने पड़ोसियों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध चाहता है और नेपाल में अमन-चैन की स्थिति सभी के हित में है।
वहीं, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता फिर से शुरू करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान पर भी सांसद मुकेश राजपूत ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने सही समय पर यह फैसला लिया है।
मुकेश राजपूत ने कहा, "मैं चाहता हूं कि भारत और अमेरिका के बीच पहले जैसे मैत्रीपूर्ण और मजबूत व्यापारिक संबंध फिर से स्थापित हों। आज का भारत आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाला देश है। विश्व के सभी देशों को भारत के साथ मिलकर चलना चाहिए, क्योंकि यह उनके कल्याण के लिए लाभकारी होगा। जो देश भारत का विरोध करेंगे, वे कभी प्रगति नहीं कर पाएंगे।"
उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी नीतियों और आत्मनिर्भरता के दम पर विश्व में एक अलग मुकाम हासिल किया है। भारत के साथ सहयोग करने वाले देशों को आर्थिक और सामाजिक लाभ होगा।