क्या न्यूयॉर्क में शिक्षा और कूटनीति से भारत-अमेरिका संबंधों को सशक्त करने के लिए 'मोटवानी जडेजा इंस्टीट्यूट फॉर अमेरिकन स्टडीज' लॉन्च किया गया?

सारांश
Key Takeaways
- भारत-अमेरिका के बीच शिक्षा और कूटनीति का सहयोग बढ़ेगा।
- एमजेआईएएस एक परिवर्तनकारी केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
- प्रोफेसर राजीव मोटवानी की विरासत को सम्मानित किया जाएगा।
- यह संस्थान ग्लोबल साउथ के नेताओं को सशक्त करेगा।
- सस्टेनेबल डेवलपमेंट रिपोर्ट 2025 का विमोचन हुआ।
न्यू यॉर्क, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) ने न्यूयॉर्क में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मोटवानी जडेजा इंस्टीट्यूट फॉर अमेरिकन स्टडीज (एमजेआईएएस) का उद्घाटन किया। यह एक ऐतिहासिक पहल है जो भारत-अमेरिका शैक्षणिक संबंधों और वैश्विक नेतृत्व को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से की गई है।
इस अवसर पर जेजीयू की सस्टेनेबल डेवलपमेंट रिपोर्ट 2025 भी लॉन्च की गई और प्रमुख भारतीय एवं वैश्विक हस्तियों द्वारा एक विशेष व्याख्यान दिया गया, जो विश्वविद्यालय के शिक्षा, कूटनीति और नवाचार के बहुआयामी दृष्टिकोण को दर्शाता है।
एमजेआईएएस एक नया परिवर्तनकारी केंद्र है जो भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच अनुसंधान, सार्वजनिक नीति, शिक्षा, नवाचार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर ध्यान केंद्रित करेगा।
इसकी स्थापना सिलिकॉन वैली स्थित प्रमुख समाज सेवक और वेंचर कैपिटलिस्ट आशा जडेजा मोटवानी के नेतृत्व में मोटवानी जडेजा फाउंडेशन के सहयोग से की गई है। इसका उद्देश्य भारत और अमेरिका के बीच दूरदर्शी शैक्षणिक सहयोग को बढ़ावा देना है।
संस्थान का नाम प्रोफेसर राजीव मोटवानी के सम्मान में रखा गया है, जो एक प्रसिद्ध कंप्यूटर वैज्ञानिक थे और जिनके मार्गदर्शन में गूगल के संस्थापकों सहित कई इनोवेटर्स ने वैश्विक स्तर पर प्रौद्योगिकी और नवाचार पर एक अमिट छाप छोड़ी।
अपने स्वागत भाषण में, जेजीयू के संस्थापक कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) सी. राज कुमार ने संस्थान को "शैक्षणिक कूटनीति का एक सशक्त प्रतीक" बताया।
उन्होंने कहा: "एमजेआईएएस केवल एक नए शैक्षणिक संस्थान की स्थापना नहीं है। यह हमारे इस विश्वास को दर्शाता है कि विश्वविद्यालयों को वैश्विक परिवर्तन के साधन के रूप में कार्य करना चाहिए।"
आशा जडेजा ने अपने मुख्य भाषण में कहा कि वे ऐसे इकोसिस्टम बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो बदलाव लाने वालों को सशक्त करें। उन्होंने कहा: "हम मानव इतिहास के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं।"
फ्रांस में भारत के पूर्व राजदूत और एमजेआईएएस के संस्थापक महानिदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मोहन कुमार ने संस्थान का विजन स्टेटमेंट प्रस्तुत किया।
जेजीयू की सस्टेनेबल डेवलपमेंट रिपोर्ट 2025 का विमोचन भी हुआ, जिसे प्रोफेसर पद्मनाभ रामानुजम ने लिखा है।
इस अवसर पर भारत की दो बड़ी सार्वजनिक हस्तियों द्वारा एक विशेष व्याख्यान शामिल था, जिन्होंने शिक्षा के महत्व पर बात की।
न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूत माननीय बिनय श्रीकांत प्रधान ने संस्थान की सराहना की।