क्या राज्यसभा सत्र की उत्पादकता 121 प्रतिशत रही, 8 विधेयक पारित हुए और वंदे मातरम पर चर्चा हुई?
सारांश
Key Takeaways
- राज्यसभा की उत्पादकता 121 प्रतिशत रही।
- 8 विधेयक पारित हुए।
- वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई।
- सदन में 84 नोटिस प्रतिदिन प्राप्त हुए।
- सदन के सदस्यों ने 58 स्टार्ड प्रश्न उठाए।
नई दिल्ली, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस) राज्यसभा का 269वां सत्र शुक्रवार को समाप्त हुआ। इस सत्र में राज्यसभा के सभापति सीपी राधाकृष्णन ने सदन की उत्पादकता 121 प्रतिशत रहने की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पूरे समय में सदन ने लगभग 92 घंटे काम किया। सत्र के अंत में उपराष्ट्रपति और सभापति ने सदन की गतिविधियों, उपलब्धियों और चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की।
यह उनके सभापति के रूप में पहला सत्र था। उन्होंने बताया कि सदन ने पांच दिनों तक देर तक काम करने का निर्णय लिया, जिससे विधायी कार्य सुचारू रूप से सम्पन्न हो सके। इस सत्र में शून्यकाल में प्राप्त नोटिसों की संख्याएं अभूतपूर्व रहीं।
राज्यसभा में प्रतिदिन औसतन 84 नोटिस प्राप्त हुए, जो पिछले दो सत्रों की तुलना में 31 प्रतिशत अधिक हैं। शून्यकाल में प्रतिदिन औसतन 15 से अधिक मुद्दे उठाए गए, जो पिछले सत्रों की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत अधिक हैं।
सत्र के दौरान 58 स्टार्ड प्रश्न, 208 शून्यकाल सबमिशन, और 87 स्पेशल मेंशन उठाए गए। महत्वपूर्ण बहसों में ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष और चुनाव सुधार शामिल हैं। राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर 82 सदस्यों ने चर्चा की। चुनाव सुधार पर 57 सदस्यों ने सुझाव दिए।
विधायी कार्यों के अंतर्गत 8 विधेयक पारित और वापस किए गए। जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) संशोधन अधिनियम, 2024 से संबंधित सांविधिक संकल्प भी पारित किया गया।
हालांकि, सभापति ने विपक्षी सदस्यों के आचरण पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि नारेबाजी और अन्य अराजकता संसद के सदस्यों के सम्मान के अनुरूप नहीं है।
उन्होंने सभी सदस्यों का धन्यवाद किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नेता सदन जेपी नड्डा, और नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रति आभार व्यक्त किया। सत्र समापन पर उन्होंने सभी सदस्यों और उनके परिवारों को क्रिसमस, नववर्ष और अन्य त्योहारों की शुभकामनाएं दीं।