क्या भारत का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 8 प्रतिशत बढ़कर 17 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है?
सारांश
Key Takeaways
- शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह: 17.04 लाख करोड़ रुपए
- रिफंड में गिरावट: 13.52 प्रतिशत
- कॉरपोरेट टैक्स: 8.17 लाख करोड़ रुपए
- नॉन-कॉरपोरेट टैक्स: 8.46 लाख करोड़ रुपए
- सरकार का लक्ष्य: 25.20 लाख करोड़ रुपए
नई दिल्ली, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह इस वित्त वर्ष में अब तक (17 दिसंबर) 8 प्रतिशत बढ़कर 17.04 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। यह जानकारी सरकार द्वारा शुक्रवार को साझा की गई।
आयकर विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सरकार का कुल सकल कर संग्रह इस साल 1 अप्रैल से लेकर 17 दिसंबर तक 20.01 लाख करोड़ रुपए रहा है, जिसमें सालाना आधार पर 4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
चालू वित्त वर्ष में अब तक 2.97 लाख करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया गया है, जिसमें सालाना आधार पर 13.52 प्रतिशत की गिरावट आई है।
शुद्ध प्रत्यक्ष कर में कॉरपोरेट टैक्स की हिस्सेदारी 8.17 लाख करोड़ रुपए रही, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 7.39 लाख करोड़ रुपए थी।
इसमें नॉन-कॉरपोरेट टैक्स की हिस्सेदारी 8.46 लाख करोड़ रुपए थी, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 7.96 लाख करोड़ रुपए थी।
नॉन-कॉरपोरेट टैक्स में व्यक्तिगत कर और हिंदू अविभाजित परिवारों से वसूले जाने वाले कर को शामिल किया जाता है।
समीक्षा अवधि में सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) संग्रह 40,194.77 करोड़ रुपए हो गया है, जो पिछले साल की समान अवधि में 40,114.02 करोड़ रुपए था।
चल रहे वित्त वर्ष में सरकार ने 25.20 लाख करोड़ रुपए के प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य रखा है, जो कि सालाना आधार पर 12.7 प्रतिशत अधिक है। इसके साथ वित्त वर्ष 26 में सरकार को 78,000 करोड़ रुपए का एसटीटी संग्रह होने का अनुमान है।
यह कर संग्रह ऐसे समय में बढ़ा है, जब आम बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई कर प्रणाली के तहत कर छूट की सीमा को बढ़ाकर 12 लाख रुपए कर दिया था। इससे बड़ी संख्या में आयकर दाताओं को राहत मिली है।