क्या बिहार-यूपी में एनआईए की रेड से अवैध हथियारों का नेटवर्क खत्म होगा?

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क्या बिहार-यूपी में एनआईए की रेड से अवैध हथियारों का नेटवर्क खत्म होगा?

सारांश

एनआईए की कार्रवाई ने तीन राज्यों में अवैध हथियारों के संगठित नेटवर्क को एक बड़ा झटका दिया है। चार संदिग्धों की गिरफ्तारी के साथ, जांच की जा रही है कि कैसे यह नेटवर्क देश के विभिन्न हिस्सों में तस्करी कर रहा था। जानिए इस बड़े ऑपरेशन के बारे में।

Key Takeaways

  • एनआईए ने तीन राज्यों में व्यापक छापेमारी की।
  • चार संदिग्ध गिरफ्तार हुए।
  • अवैध हथियारों और गोला-बारूद का बड़ा जखीरा बरामद किया गया।
  • यह मामला पहले से चल रहा था और अब एनआईए इसकी गहन जांच कर रही है।

नई दिल्‍ली, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को अवैध हथियार और गोला-बारूद की संगठित तस्करी से जुड़े एक बड़े नेटवर्क पर कार्रवाई की। इस दौरान एनआईए ने तीन राज्यों में व्यापक तलाशी अभियान चलाया और चार आरोपियों को गिरफ्तार किया।

एजेंसी की 22 टीमों ने बिहार, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में एक साथ छापेमारी की। बिहार के नालंदा, शेखपुरा और पटना जिलों में कुल सात स्थानों पर, उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में 13 जगहों पर तथा हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में दो स्थानों पर तलाशी ली गई।

तलाशी के दौरान टीमों ने अलग-अलग बोर के कई अवैध हथियार और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया। इसके अलावा 1 करोड़ रुपए से अधिक नकद, कई इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल उपकरण, संदिग्ध और फर्जी पहचान पत्र तथा अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए। डिजिटल उपकरण में आपत्तिजनक डाटा मौजूद था।

इस कार्रवाई के बाद एनआईए ने इस सिंडिकेट से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार किया। पटना से शशि प्रकाश, शेखपुरा से रवि रंजन सिंह, और कुरुक्षेत्र से विजय कालरा और कुश कालरा को गिरफ्तार किया गया। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि ये लोग हरियाणा से उत्तर प्रदेश और फिर बिहार सहित देश के विभिन्न हिस्सों में गोला-बारूद की तस्करी करने वाले एक संगठित नेटवर्क का हिस्सा थे।

इस मामले की शुरुआत जुलाई 2022 में हुई थी, जब बिहार पुलिस ने बड़े पैमाने पर हथियार और गोला-बारूद की बरामदगी करते हुए चार आरोपी राजेंद्र प्रसाद, कुमार अभिजीत, शत्रुध्न शर्मा और विशाल कुमार को गिरफ्तार किया था। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर अगस्त में मामला एनआईए को सौंपा गया, जो अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य संदिग्धों, फंडिंग चैनलों और सप्लाई रूट की जांच कर रही है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि एनआईए का यह अभियान अवैध हथियारों की तस्करी के खिलाफ एक सकारात्मक कदम है। यह न केवल कानून व्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि समाज में अपराध को भी नियंत्रित करेगा। हमें ऐसे अभियानों को समर्थन देना चाहिए जो हमारी सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं।
NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

एनआईए का यह ऑपरेशन कब शुरू हुआ?
यह ऑपरेशन 4 दिसंबर 2023 को शुरू हुआ।
गिरफ्तार आरोपियों में कौन-कौन शामिल हैं?
गिरफ्तार आरोपियों में शशि प्रकाश, रवि रंजन सिंह, विजय कालरा और कुश कालरा शामिल हैं।
इस कार्रवाई में क्या-क्या बरामद किया गया?
इस कार्रवाई में अवैध हथियार, गोला-बारूद, नकद, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और फर्जी पहचान पत्र बरामद किए गए।
क्या यह मामला पहले से चल रहा था?
जी हाँ, यह मामला जुलाई 2022 से चल रहा था जब बिहार पुलिस ने पहली बार गिरफ्तारियां की थीं।
इस प्रकार की कार्रवाई का समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
इस कार्रवाई से अवैध हथियारों की तस्करी में कमी आएगी और समाज में सुरक्षा का माहौल बनेगा।
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