क्या एनआईए ने अमृतसर मंदिर ग्रेनेड हमले में ग्रेनेड और पिस्तौल बरामद की?

सारांश
Key Takeaways
- एनआईए ने अमृतसर मंदिर हमले में तीन हथगोले और एक पिस्तौल बरामद की।
- हमले के पीछे अंतरराष्ट्रीय आतंकी साजिश का खुलासा हुआ है।
- आरोपी शरणजीत कुमार को गिरफ्तारी के बाद महत्वपूर्ण जानकारी मिली।
- बरामद हथियारों की फोरेंसिक जांच होगी।
- सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को अमृतसर मंदिर ग्रेनेड हमले के मामले में एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। एनआईए ने इस मामले में तीन हथगोले और एक पिस्तौल बरामद की है, जिससे एक बड़े हथियार और विस्फोटक सिंडिकेट से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय आतंकी साजिश का खुलासा हुआ है।
एनआईए ने आरोपी शरणजीत कुमार उर्फ सनी द्वारा प्रदान की गई जानकारी के आधार पर पंजाब के बटाला के भामरी गांव से हथगोले बरामद किए। एनआईए ने एक .30 बोर की पिस्तौल भी बरामद की, जो शरणजीत को उसके विदेशी आकाओं द्वारा पंजाब की शांति को भंग करने के लिए आतंकवादी साजिश के तहत दी गई थी। बरामद किए गए विस्फोटक और हथियारों को फोरेंसिक और तकनीकी जांच के लिए भेजा गया है।
पिछले शुक्रवार को बिहार के गया से एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए गए शरणजीत को अमृतसर के ठाकुरद्वारा सनातन मंदिर पर बाइक सवार हमलावरों गुरसिदक सिंह और विशाल गिल द्वारा किए गए ग्रेनेड हमले की साजिश में शामिल पाया गया। मार्च 2025 के मामले में एनआईए की जांच के अनुसार, यह हमला विदेशी आकाओं के निर्देश पर किया गया था।
एनआईए ने शरणजीत से पूछताछ के बाद गुरदासपुर के बटाला में एक विशेष स्थान पर पहुंची, जहां ग्रेनेड छिपाए गए थे। आरोपी ने इन ग्रेनेडों की पहचान 1 मार्च 2025 को उसे मिले चार ग्रेनेडों में से एक के रूप में की। आरोपी ने जांचकर्ताओं को यह भी बताया कि उसने 15 मार्च के हमले से दो दिन पहले हमलावरों को एक ग्रेनेड सौंपा था।
इस मामले में अब तक की एनआईए जांच से यह स्पष्ट हुआ है कि हमले के पीछे यूरोप, अमेरिका और कनाडा स्थित आतंकवादी आकाओं की साजिश थी। ये संचालक पंजाब और देश के अन्य हिस्सों में आतंक फैलाने के लिए भारत में अपने सक्रिय कार्यकर्ताओं को आतंकी हार्डवेयर, धन, रसद सहायता और लक्ष्य विवरण प्रदान कर रहे थे।