क्या 2024 गुरुग्राम धमाके में एनआईए ने तीन और आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की?
सारांश
Key Takeaways
- गुरुग्राम में 2024 के बम धमाके के मामले में एनआईए की कार्रवाई।
- आरोपियों का संबंध बीकेआई से है।
- साजिश का उद्देश्य शांति भंग करना था।
- राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति एनआईए की कड़ी नज़र।
- अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी नेटवर्क का सक्रिय होना।
नई दिल्ली, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुग्राम के दो क्लबों पर वर्ष 2024 में हुए बम हमलों के मामले में तीन और आरोपियों के खिलाफ एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश की है। ये धमाके प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) से जुड़े सदस्यों द्वारा किए गए थे।
एनआईए ने विजय, अजीत सेहरावत और विनय के खिलाफ गुरुग्राम सेक्टर-29 में स्थित वेयरहाउस क्लब और ह्यूमन क्लब में 10 दिसंबर 2024 को हुए दोहरे बम धमाकों की साजिश और योजना में शामिल होने का आरोप लगाया है। इन पर भारतीय दंड संहिता (बीएनएस), विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की संबंधित धाराएँ लगाई गई हैं। यह चार्जशीट गुरुवार को एनआईए स्पेशल कोर्ट, पंचकूला में प्रस्तुत की गई।
जांच में यह खुलासा हुआ है कि गिरफ्तार आरोपी विदेश में सक्रिय गैंगस्टर रणदीप मलिक और रोहित गोदारा से संपर्क में थे। रोहित गोदारा को कनाडा स्थित आतंकवादी सतिंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ का करीबी सहयोगी माना जाता है। एनआईए पहले ही जून 2025 में गोल्डी बराड़ समेत पांच आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।
एनआईए की जांच से पता चला है कि चार्जशीट में शामिल तीनों आरोपियों को बीकेआई के चरमपंथी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए विदेशी आतंकवादी हैंडलर्स से विस्फोटक सामग्री और आतंकवाद के लिए धन प्राप्त हुआ था। इस साजिश का उद्देश्य हरियाणा और अन्य उत्तरी राज्यों में शांति भंग करना और कानून व्यवस्था को अस्थिर करना था।
जांच में यह भी सामने आया है कि विदेश में बैठे आतंकवादी हैंडलर्स के निर्देश पर काम करने वाला एक बड़ा नेटवर्क सक्रिय है, जो वित्तीय सहायता, लॉजिस्टिक्स और आतंकवादी गतिविधियों के विभिन्न पहलुओं का संचालन करता है। एनआईए अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य साजिशकर्ताओं और वित्तीय चैनलों का पता लगाने में जुटी हुई है।