क्या एनआईए ने आईएसआईएस पुणे स्लीपर मॉड्यूल केस में रिजवान अली को गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- रिजवान अली की गिरफ्तारी एनआईए की सक्रियता का प्रमाण है।
- एनआईए ने आईएसआईएस के खिलाफ कठोर कार्रवाई की है।
- यह गिरफ्तारी देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
- गिरफ्तार किए गए आरोपियों की संख्या ११ हो गई है।
- जांच जारी है ताकि आतंकवाद के खतरे को समाप्त किया जा सके।
नई दिल्ली, ११ जुलाई (राष्ट्र प्रेस) राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पुणे स्लीपर मॉड्यूल से जुड़े आईएसआईएस के मामले में एक और प्रमुख साजिशकर्ता को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार किए गए आरोपी रिजवान अली उर्फ अबू सलमा उर्फ मौला इस मामले में ११वां आरोपी है, जिसकी गिरफ्तारी पर एनआईए ने ३ लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। एनआईए की विशेष अदालत ने पहले ही उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट (गैर-जमानती वारंट) जारी किया था। वह प्रतिबंधित अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) की गतिविधियों को भारत में फैलाने में सक्रिय भूमिका निभा रहा था।
एनआईए की जांच में सामने आया है कि रिजवान अली आईएसआईएस की भारत विरोधी साजिश का हिस्सा था और उसने आतंकवादी ठिकानों के लिए विभिन्न स्थानों की रेकी की थी। साथ ही, वह फायरिंग प्रशिक्षण देने और आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बनाने की ट्रेनिंग देने में भी शामिल था।
रिजवान और अन्य १० आरोपियों ने मिलकर देश को अस्थिर करने और सांप्रदायिक अशांति फैलाने के लिए आतंकवादी हमलों की साजिश रची थी।
इससे पहले एनआईए ने जिन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था, उनके नाम मो. इमरान खान, मो. यूनुस साकी, अब्दुल कादिर पठान, सिमाब नासिरुद्दीन काज़ी, जुल्फिकार अली बारोड़वाला, शमिल नाचन, आकिफ नाचन, शहनवाज़ आलम, अब्दुल्ला फैयाज़ शेख और तल्हा खान हैं।
इन सभी आरोपियों के खिलाफ एनआईए ने यूए (पी) अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, शस्त्र अधिनियम समेत विभिन्न धाराओं के तहत चार्जशीट दायर की है।
एनआईए इस मामले की गहन जांच जारी रखे हुए है ताकि आईएसआईएस/आईएस की भारत में हिंसा और आतंक के जरिए इस्लामी शासन स्थापित करने की साजिश को विफल किया जा सके।