क्या उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में हो रहा है बड़ा बदलाव?

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क्या उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में हो रहा है बड़ा बदलाव?

सारांश

उत्तर प्रदेश की शिक्षा प्रणाली में हुए महत्वपूर्ण बदलावों पर एक नज़र। हाल ही में परख राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2024 में छात्रों के प्रदर्शन ने साबित किया है कि राज्य की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार हो रहा है, जो 'निपुण भारत मिशन' का परिणाम है।

Key Takeaways

  • शिक्षा गुणवत्ता में सुधार
  • निपुण भारत मिशन के प्रभावी उपाय
  • डिजिटल शिक्षा का समावेश
  • सहयोगात्मक पर्यवेक्षण की व्यवस्था
  • बच्चों की ग्रेड स्तर दक्षता का लक्ष्य

लखनऊ, 24 जून (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश की शिक्षा प्रणाली अब एक महत्वपूर्ण बदलाव की दिशा में आगे बढ़ते हुए विश्वास का आधार बन रही है। इसका हालिया उदाहरण परख राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2024 में देखने को मिला है, जहां उत्तर प्रदेश के कक्षा तीन के छात्रों ने राष्ट्रीय औसत से अधिक अंक प्राप्त कर पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया। इस सर्वेक्षण में कक्षा तीन के विद्यार्थियों ने असाधारण प्रदर्शन किया है।

राज्य ने भाषा में 68 प्रतिशत और गणित में 64 प्रतिशत औसत प्राप्त किया, जो राष्ट्रीय औसत (भाषा में 64 प्रतिशत और गणित में 60 प्रतिशत) से चार प्रतिशत अधिक है। यह न केवल राष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश की प्रगति को दर्शाता है, बल्कि बुनियादी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार का भी प्रमाण है। वर्ष 2017 के एनएएस की तुलना में भी उत्तर प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं, जिनके परिणाम अब जमीनी स्तर पर स्पष्ट नजर आ रहे हैं। निपुण भारत मिशन और समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत किए गए कार्यों ने उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय शिक्षा मानचित्र पर नई पहचान दिलाई है।

शिक्षा विभाग ने वर्ष 2026-27 तक बच्चों को पढ़ाई में ग्रेड स्तर की दक्षता दिलाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए प्रत्येक विद्यालय में संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। राज्य के 4.53 लाख से ज्यादा शिक्षकों को फाउंडेशनल लिटरेसी और न्यूमरेसी के लिए प्रशिक्षण दिया गया है।

हर विकासखंड में सहयोगात्मक पर्यवेक्षण की व्यवस्था की गई है, जिससे शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार हो रहा है। तालिका, स्पॉट असेसमेंट और निपुण एसेसमेंट टेस्ट जैसी प्रणाली से छात्रों के अधिगम स्तर का आकलन किया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप, 48,061 विद्यालयों को 'निपुण विद्यालय' के रूप में मान्यता मिली है।

योगी सरकार की डिजिटल यूपी परिकल्पना को साकार करते हुए परिषदीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लास और आईसीटी लैब की स्थापना की जा रही है। वर्तमान में 31,600 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास स्थापित की जा चुकी है।

राज्य सरकार ने विज्ञान, नवाचार और प्रयोग आधारित शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए कई गतिविधियों की शुरुआत की है। राष्ट्रीय आविष्कार अभियान के अंतर्गत छात्रों को एक्सपोजर विजिट कराया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव (बेसिक शिक्षा विभाग) दीपक कुमार ने कहा, "उत्तर प्रदेश, निपुणता की दिशा में ठोस कदम उठाते हुए आगे बढ़ रहा है।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश की शिक्षा प्रणाली में सुधार के उपाय न केवल छात्रों की सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि समग्र राष्ट्र की प्रगति में भी योगदान देने का कार्य कर रहे हैं। योगी सरकार के निपुण भारत मिशन के तहत उठाए गए कदम एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।
NationPress
24/06/2025

Frequently Asked Questions

उत्तर प्रदेश में शिक्षा में सुधार के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
योगी सरकार ने निपुण भारत मिशन और समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं।
परख राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2024 में उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन कैसा रहा?
उत्तर प्रदेश के कक्षा तीन के छात्रों ने राष्ट्रीय औसत से अधिक अंक अर्जित कर असाधारण प्रदर्शन किया।
राज्य सरकार ने डिजिटल शिक्षा के लिए क्या उपाय किए हैं?
राज्य सरकार ने स्मार्ट क्लास और आईसीटी लैब की स्थापना की है, जिससे शिक्षकों को आधुनिक तकनीकी संसाधनों से सुसज्जित किया गया है।