क्या निरहुआ सभी धर्मों का आदर करते हैं पर हिंदुओं का अपमान नहीं सहन करेंगे?
सारांश
Key Takeaways
- निरहुआ ने धर्म का अपमान सहने से इनकार किया।
- खेसारी लाल का राम मंदिर पर विवादित बयान।
- भोजपुरी कलाकारों के बीच धार्मिक पहचान पर बहस।
- बिहार विधानसभा चुनाव में धर्म का मुद्दा महत्वपूर्ण है।
- उत्तरदायी बयान और चुनावी रणनीति का संबंध।
नई दिल्ली, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी नेता और भोजपुरी अभिनेता निरहुआ (दिनेश लाल यादव) तथा छपरा से राजद उम्मीदवार खेसारी लाल यादव के बीच जुबानी जंग जारी है। इस दौरान, निरहुआ ने बिहार में अपनी एक जनसभा का वीडियो साझा किया है जिसमें उन्होंने धर्म का अपमान करने वालों को कड़ी चेतावनी दी है।
निरहुआ ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वे हजारों लोगों के समक्ष एनडीए सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख कर रहे हैं। इस वीडियो में निरहुआ हेलीकॉप्टर से उतरते हैं और हजारों लोगों की भीड़ उन्हें सुनने के लिए उत्सुक नजर आ रही है। निरहुआ ने वीडियो के साथ लिखा, "मैं यादव हूं, सनातनी हिंदू। मैं सभी धर्मों का आदर करता हूं, लेकिन मैं अपने धर्म का अपमान न ही सहन करूंगा और न ही चुप रहूंगा। जय श्री राम।"
दरअसल, निरहुआ और खेसारी लाल के बीच धर्म और असली यादव होने की बहस चल रही है। खेसारी ने राम मंदिर पर सवाल उठाया था और अस्पताल तथा फैक्ट्री बनाने की बात की थी। इस पर नाराजगी जताते हुए निरहुआ ने कहा था कि खेसारी, यादव नहीं, यदुमुल्ला है। जो असली कृष्णवंशी होता है, वो राम का विरोध नहीं कर सकता।
इस बयान का समर्थन गायक पवन सिंह और सांसद मनोज तिवारी ने भी किया था। पवन सिंह ने कहा कि खेसारी मंच से कुछ भी बोलते रहते हैं, जबकि मनोज तिवारी का कहना था कि चुनाव के समय खेसारी को सोच-समझकर बोलना चाहिए।
खेसारी लाल ने भी मनोज तिवारी और निरहुआ के बयानों का जवाब दिया। उन्होंने मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा कि उनके लिए कोई भी जाति या धर्म मायने नहीं रखता है, क्योंकि मुसलमान भी इसी देश का हिस्सा है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि निरहुआ खुद फिल्मों में मुसलमान का किरदार निभा चुके हैं।
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को होगी और दूसरे चरण के चुनाव 11 नवंबर को होंगे, जबकि परिणाम 14 नवंबर को आएंगे।