क्या निर्वाचन आयोग ने मतदान अधिकारियों और अन्य कर्मियों का मानदेय बढ़ाया?

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क्या निर्वाचन आयोग ने मतदान अधिकारियों और अन्य कर्मियों का मानदेय बढ़ाया?

सारांश

चुनाव आयोग ने मतदान अधिकारियों और अन्य चुनाव कर्मियों के मानदेय में वृद्धि की है, जो चुनाव प्रक्रिया की अहम भूमिका निभाते हैं। यह कदम उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए उठाया गया है। जानिए इस वृद्धि के महत्वपूर्ण बिंदु और इससे जुड़े अन्य विवरण।

Key Takeaways

  • मतदान अधिकारियों का मानदेय अब ₹400 प्रतिदिन है।
  • पीठासीन अधिकारियों को ₹500 प्रतिदिन मिलेगा।
  • मतगणना सहायक का मानदेय ₹450 प्रतिदिन है।
  • क्लास-4 कर्मचारियों का मानदेय बढ़कर ₹350 प्रतिदिन हो गया है।
  • माइक्रो ऑब्जर्वर का मानदेय ₹2000 एकमुश्त है।

नई दिल्ली, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। चुनाव आयोग ने पीठासीन अधिकारियों, मतदान अधिकारियों, मतगणना कर्मियों, माइक्रो ऑब्जर्वर और चुनाव से जुड़े अन्य कर्मियों के मानदेय में बढ़ोतरी की घोषणा की है। आयोग का यह कदम उन अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवा को सम्मानजनक तरीके से पुरस्कृत करने के लिए है, जो चुनाव के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

चुनाव कार्य में केंद्रीय एवं राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी, लोक प्राधिकरण के सदस्य, और सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारी शामिल होते हैं। चुनाव के समय ये कर्मी कई महीनों से लगातार काम करते हैं ताकि मतदाता अपने अधिकार का प्रयोग कर सकें और अपने पसंदीदा प्रतिनिधि का चुनाव कर सकें।

आयोग ने बताया कि इससे पहले 2014 से 2016 के बीच मानदेय में अंतिम बार बढ़ोतरी की गई थी, जिसे अब सुधारते हुए नई दरें लागू की गई हैं। मानदेय में बढ़ोतरी के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:

  • पीठासीन अधिकारी एवं मतगणना पर्यवेक्षक: अब उन्हें प्रतिदिन या इसके भाग के लिए ₹500 या ₹2000 एकमुश्त मानदेय मिलेगा। पहले यह ₹350 था।
  • मतदान अधिकारी: अब ₹400 प्रतिदिन या उसके हिस्से के लिए ₹1600 एकमुश्त, जो पहले ₹250 था।
  • मतगणना सहायक: ₹450 प्रतिदिन या उसके हिस्से के लिए ₹1350 एकमुश्त, पहले ₹250
  • क्लास-4 कर्मचारी (विभिन्न कर्तव्यों के लिए): अब ₹350 प्रतिदिन या उसके हिस्से के लिए ₹1400 एकमुश्त, पहले ₹200
  • कॉल सेंटर / कंट्रोल रूम के क्लास-4 कर्मचारी: ₹1000 एकमुश्त, पहले ₹200 प्रतिदिन।
  • वीडियो निगरानी टीम, मीडिया मॉनिटरिंग कमिटी, फ्लाइंग स्क्वाड आदि के क्लास I/II कर्मचारी को अब ₹3000 एकमुश्त (पहले ₹1200)। वहीं, क्लास III के कर्मचारी को ₹2000 एकमुश्त (पहले ₹1000)।
  • माइक्रो ऑब्जर्वर: ₹2000 एकमुश्त, पहले ₹1000
  • मतदान स्थल/मतगणना केंद्र पर तैनात पुलिस, होम गार्ड, वन रक्षक, एनसीसी कैडेट, स्वयंसेवक आदि को भोजन/रिफ्रेशमेंट के लिए अब ₹500 प्रतिदिन मिलेंगे। पहले ₹150 मिलते थे।
  • डिप्टी जिला निर्वाचन अधिकारी को अब कम से कम संबंधित कर्मचारी के एक महीने के बेसिक वेतन के बराबर भुगतान होगा, जबकि पहले कोई वेतन नहीं दिया जाता था।
  • सीएपीएफ के गजेटेड अधिकारी को 15 दिन या उससे कम के लिए ₹4000, 15 दिन से अधिक के लिए प्रति सप्ताह ₹2000 मिलेंगे। (पहले क्रमशः ₹2500₹1250)।
  • अधीनस्थ अधिकारी (इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर आदि) के लिए ₹3000 15 दिन तक, ₹1500 प्रति सप्ताह 15 दिन से अधिक (पहले ₹2000₹1000)। वहीं, अन्य रैंक (हेड कॉन्स्टेबल, कॉन्स्टेबल आदि) के लिए ₹2500 15 दिन तक, ₹1250 प्रति सप्ताह 15 दिन से अधिक के लिए।
  • सहायक व्यय पर्यवेक्षक / सेक्टर अधिकारी / सेक्टर पुलिस अधिकारी: अब पूर्णकालीन चुनाव ड्यूटी के लिए ₹10000 या प्रोराटा आधार पर भुगतान होगा, जो पहले ₹7500 था।

Point of View

जो सुनिश्चित करता है कि चुनाव प्रक्रिया में लगे सभी कर्मियों की मेहनत की सराहना की जाए। इससे चुनावी प्रक्रिया में उनकी भागीदारी को प्रोत्साहन मिलेगा और लोकतंत्र को मजबूत किया जाएगा।
NationPress
08/08/2025

Frequently Asked Questions

मतदान अधिकारियों का मानदेय कितना बढ़ा है?
मतदान अधिकारियों का मानदेय अब ₹400 प्रतिदिन या उसके हिस्से के लिए ₹1600 एकमुश्त हो गया है, जो पहले ₹250 था।
किस-किस श्रेणी के कर्मचारियों का मानदेय बढ़ा है?
पीठासीन अधिकारियों, मतदान अधिकारियों, मतगणना कर्मियों, माइक्रो ऑब्जर्वर और अन्य चुनाव से जुड़े कर्मियों का मानदेय बढ़ा है।
बढ़ी हुई दरें कब से लागू होंगी?
नई दरें तुरंत प्रभाव से लागू हो गई हैं।
क्या चुनावी कार्य में शामिल सभी कर्मियों का मानदेय बढ़ा है?
हां, चुनावी कार्य में शामिल सभी महत्वपूर्ण कर्मियों का मानदेय बढ़ाया गया है।
इस मानदेय वृद्धि का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य चुनाव के दौरान कर्मियों की मेहनत को मान्यता देना और उन्हें सम्मानित करना है।