क्या निठारी हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को रिहा करने का आदेश दिया?
सारांश
Key Takeaways
- सुप्रीम कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को बरी किया है।
- कोली के खिलाफ सबूतों की कमी थी।
- यह निर्णय निठारी हत्याकांड के बाद आया।
- कोली पर 13 मामलों में आरोप थे।
- न्याय के हित में कोली को रिहा किया गया।
नई दिल्ली, 11 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। निठारी हत्याकांड के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए सुरेंद्र कोली को रिहा करने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि कोली पर लगाए गए सभी आरोपों से उसे बरी किया जाता है और उसकी सभी सजाएं रद्द की जाती हैं।
जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली बेंच ने 2011 के पुनर्विचार फैसले को पलटते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की अपील स्वीकार की जाती है और इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश रद्द किया जाता है। अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिया कि सुरेंद्र कोली को तुरंत रिहा किया जाए।
यह निर्णय निठारी हत्याकांड के संदर्भ में आया, जिसने 2006 में पूरे देश को हिलाकर रख दिया था, जब नोएडा के निठारी में मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी के पीछे नाले से 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल मिले थे। इस वारदात ने पुलिस और समाज को झकझोर कर रख दिया था।
मामले में पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने आरोप लगाया था कि कोली बच्चों और महिलाओं को बहला-फुसलाकर लाता था, उनके साथ दुष्कर्म करता और फिर हत्या कर शवों को नाले में फेंक देता था। मामले के सामने आने के बाद देशभर में आक्रोश फैल गया था। जांच सीबीआई को सौंपी गई, जिसने कई मामलों में चार्जशीट दाखिल की।
कोली पर 13 मामलों में आरोप लगाए गए, जबकि पंढेर का कुछ मामलों में सहआरोपी के रूप में नाम आया। समय के साथ अदालतों ने सुनवाई की और कोली को 12 मामलों में बरी कर दिया गया, लेकिन एक मामले में 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने उसकी उम्रकैद की सजा बरकरार रखी थी।
अब सुप्रीम कोर्ट ने उस पुराने फैसले को पलटते हुए कहा है कि कोली के खिलाफ सबूत पर्याप्त नहीं हैं और जांच में गंभीर खामियां रही हैं। इसलिए न्याय के हित में उसे बरी किया जाता है।