क्या बिहार में भाजपा का कोई वजूद नहीं, नीतीश कुमार ही सब कुछ हैं? - अखिलेश प्रसाद सिंह

सारांश
Key Takeaways
- सुप्रीम कोर्ट का फैसला राजनीतिक हलचल का कारण बना।
- अखिलेश प्रसाद सिंह ने 90% समस्याओं के समाधान की संभावना जताई।
- नीतीश कुमार को भाजपा का कठपुतली कहा।
- बिहार की कानून-व्यवस्था पर गंभीर चिंता जताई।
- कांग्रेस का बिहार में अस्तित्व और उसकी राष्ट्रीय स्थिति पर चर्चा।
नई दिल्ली, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में चल रही गहन मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट के इनकार के बाद राजनीति में हलचल मच गई है। इस फैसले पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यदि अदालत द्वारा दिए गए सुझावों और दिशा-निर्देशों को अगली सुनवाई (28 जुलाई) तक प्रभावी ढंग से लागू किया गया, तो 90 फीसदी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस के साथ विशेष बातचीत में शुक्रवार को अखिलेश प्रसाद सिंह ने बताया कि उनका मुद्दा यही था कि आधार को पहचान के रूप में मान्यता दी जाए। जब सरकार आधार को प्रमाणीकरण के लिए उपयोग कर रही है और इसे अपनी पहचान बता रही है, तो फिर इसे वोटर वेरिफिकेशन में मानने से कैसे इनकार किया जा सकता है?
बिहार की राजधानी पटना में बिहार बंद के दौरान पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को मंच पर नहीं चढ़ने देने की घटना पर उठे विवाद को कांग्रेस सांसद ने बेवजह का विवाद करार दिया। ऐसे लोग वहां पहुंचे थे जिनका नाम था। ये लोग गलती से वहां बिना सूचना के पहुंचे होंगे। इसके अलावा, कोई खास बात नहीं है। इसे राजनीतिक विवाद बनाना सही नहीं है।
भाजपा के लोग कह रहे हैं कि बिहार में कांग्रेस का कोई अस्तित्व नहीं है और वह आरजेडी के इशारे पर काम करती है। उनका दावा है कि राहुल गांधी के नेता भी तेजस्वी यादव हैं। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि ऐसा कहने से कुछ नहीं होगा। भाजपा भी बिहार में कुछ नहीं है, नीतीश कुमार ही सब कुछ हैं। कांग्रेस ने कहा कि वह एक राष्ट्रीय पार्टी है और कई राज्यों में उसकी सरकारें हैं। बीजेपी को याद दिलाया गया कि 1984 में उनकी पार्टी के पास सिर्फ दो सांसद थे, तो केवल कहने से कुछ नहीं बदलता।
बिहार की बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर भी कांग्रेस सांसद ने नीतीश सरकार और भाजपा पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि अब 1990 से 2005 के दौर का हवाला देना बंद होना चाहिए। बीस साल से ज्यादा समय हो गया है सत्ता में आए हुए। अब पिछली सरकारों की बात छोड़कर अपनी उपलब्धियों की बात कीजिए।
उन्होंने कहा कि आज पटना को पूरे देश का क्राइम कैपिटल बना दिया गया है। हर जिले में रोज आधा दर्जन से अधिक हत्याएं हो रही हैं और प्रशासन कान में तेल डालकर सो रहा है। उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार अब भाजपा के हाथों की कठपुतली बन चुके हैं। राज्य की बिगड़ती कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी पूरी तरह से मौजूदा सरकार की है।