क्या नीतीश कुमार मानसिक संतुलन खो चुके हैं, उन्हें सीएम की कुर्सी के लिए उपयुक्त नहीं माना जा सकता? - गुलाम अहमद मीर
सारांश
Key Takeaways
- गुलाम अहमद मीर ने नीतीश कुमार के मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल उठाया।
- नीतीश कुमार का महिला के प्रति व्यवहार अस्वीकार्य है।
- हिजाब विवाद ने नीतीश कुमार की छवि को प्रभावित किया है।
- बिहार के मुख्यमंत्री पद की महत्वपूर्णता का ध्यान रखना आवश्यक है।
- सामाजिक प्रभावों को समझना जरूरी है।
अनंतनाग, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के नेता गुलाम अहमद मीर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति पर तंज कसते हुए कहा कि वे मानसिक संतुलन खो चुके हैं और मुख्यमंत्री का पद अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, इसलिए उन्हें इस पद पर नहीं रहना चाहिए।
गुलाम अहमद मीर ने यह टिप्पणी नीतीश कुमार द्वारा एक महिला का हिजाब खींचने के विवाद के बाद की। उन्होंने कहा कि जिस तरह से मुख्यमंत्री ने एक शिक्षित महिला के साथ व्यवहार किया, वह अस्वीकार्य है।
उन्होंने उन नेताओं को भी निशाना बनाया, जिन्होंने इस घटना को पिता-पुत्री के नाम से संबोधित किया। मीर ने कहा कि नीतीश कुमार का पूरा वीडियो देश-विदेश में वायरल हो गया है और इस पर उचित कार्रवाई होनी चाहिए।
कांग्रेस नेता ने अनंतनाग में राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि नीतीश कुमार का जो व्यवहार एक शिक्षित महिला के प्रति था, वह किसी भी सभ्य समाज में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
कुछ लोगों के बयानों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह तर्क कि 'पिता की तरह किया', का कोई अर्थ नहीं है। बहन-बेटी के साथ ऐसा व्यवहार करने से पहले देखना चाहिए कि समाज पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
गुलाम अहमद मीर ने कहा कि नीतीश कुमार मानसिक रूप से इस महत्वपूर्ण पद के लिए उपयुक्त नहीं हैं। यदि वे किसी अन्य पार्टी के होते, तो सेंट्रल एजेंसियां उनका पीछा करतीं। मीडिया भी इस पर निर्णय सुना देती, लेकिन नीतीश कुमार सत्ताधारी पार्टी के हैं, इसलिए सभी चुप हैं। एजेंसियों ने कानूनी रूप से इसे हाथ नहीं लगाया है।
हिजाब विवाद के बाद डॉक्टर के नौकरी ज्वाइन करने पर उन्होंने कहा कि इस तरह के तर्क दिए जा रहे हैं कि डॉक्टर ने नौकरी ज्वाइन कर ली, लेकिन इसमें गलत क्या है? देश में बेरोजगारी है, इसलिए नौकरी की आवश्यकता है।