क्या नीतीश सरकार बिहार में रोजगार सृजन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है?: दिलीप जायसवाल
सारांश
Key Takeaways
- बिहार सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध है।
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया है।
- राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं।
- बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के प्रति अत्याचार पर चिंता व्यक्त की गई है।
- टीएमसी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए गए हैं।
पटना, २२ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार सरकार के मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि हमारा मुख्य लक्ष्य केवल प्रदेश के युवाओं को रोजगार प्रदान करना है। इस दिशा में हमने एक ठोस योजना तैयार की है, जिसके अनुसार हमारी सरकार काम कर रही है। इस दौरान हम किसी भी प्रकार की कोताही को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
दिलीप जायसवाल ने सोमवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि बिहार चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था और हम इस वादे को पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं। एक उद्योग मंत्री के रूप में, मैं लगातार निवेशकों को आमंत्रित कर रहा हूं और उन्हें यह बताने का प्रयास कर रहा हूं कि हमारे प्रदेश में निवेश की विशाल संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे उद्योग मंत्री के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई है और मैं इसे बखूबी निभा रहा हूं। राज्य में तेजी से कार्य जारी है। हमारे मुख्य सचिव भी निवेशकों को आमंत्रित कर रहे हैं, जिससे आने वाले दिनों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। हाल ही में महाराष्ट्र में यूरोप के स्विस इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स के साथ बैठक हुई थी, जिसमें बिहार में निवेश पर विस्तार से चर्चा की गई थी। फरवरी में एक और बैठक निर्धारित है, जिसमें आगे के कदम पर विचार किया जाएगा।
इसके अलावा, मंत्री दिलीप जायसवाल ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचार के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। उन्होंने आशंका जताई कि पाकिस्तान बांग्लादेश और नेपाल को अशांत कर भारत की शांति में खलल डालना चाहता है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
उन्होंने हुमायूं कबीर के संदर्भ में कहा कि उन्हें अपनी गलती का एहसास हो रहा है। उन्हें समझना होगा कि हिंदुस्तान गंगा-जमुनी तहजीब के अनुसार चलता है। यहाँ पर हिंदू-मुस्लिम के नाम पर नफरत फैलाकर कुछ नहीं हासिल किया जा सकता।
उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल के आगामी चुनाव में टीएमसी की नाव डूबने जा रही है, क्योंकि इस पार्टी की विश्वसनीयता पूरी तरह समाप्त हो चुकी है। टीएमसी को कोई भी स्वीकार नहीं कर रहा, इसलिए मौकापरस्त लोग एकजुट होकर राजनीतिक लाभ अर्जित करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे पश्चिम बंगाल के लोग स्वीकार नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत के विचारों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय जनता पार्टी एक राजनीतिक दल है, लेकिन संघ की भूमिका भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में अहम है।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की जनता को समझना होगा कि देश को बचाना है और किसी भी कीमत पर टीएमसी का साथ नहीं देना चाहिए। टीएमसी घुसपैठियों का समर्थन कर रही है, जिसका इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए किया जा रहा है। इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।