क्या नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का विस्तार 14 गांवों को प्रभावित करेगा?

Click to start listening
क्या नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का विस्तार 14 गांवों को प्रभावित करेगा?

सारांश

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रभावित 14 गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, जिससे 17945 परिवार प्रभावित होंगे। विस्तार परियोजना का वाणिज्यिक संचालन अक्टूबर 2025 तक शुरू होने की उम्मीद है। जानिए विस्तार की पूरी कहानी और इसके प्रभाव।

Key Takeaways

  • नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का विस्तार 14 गांवों को प्रभावित करेगा।
  • परियोजना के तीसरे और चौथे चरण के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू हो गया है।
  • कुल 17945 परिवार प्रभावित होंगे।
  • वाणिज्यिक संचालन अक्टूबर 2025 में शुरू होगा।
  • यह एयरपोर्ट भारत का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बनेगा।

ग्रेटर नोएडा, २५ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर के विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, जिला प्रशासन ने तीसरे और चौथे चरण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। इस प्रक्रिया के तहत 14 गांवों की कुल 1857.7706 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जाएगी। जिला प्रशासन ने पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन की योजना का ड्राफ्ट भी जारी कर दिया है, जिसमें प्रभावित परिवारों के लिए मुआवजे और पुनर्वास से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान की गई है।

प्रशासनिक दस्तावेजों के अनुसार, तीसरे और चौथे चरण में तीन अतिरिक्त रनवे का निर्माण किया जाएगा। एयरपोर्ट के पूरे विस्तार में कुल 6 रनवे बनाए जाने की योजना है, जिससे यह एयरपोर्ट भारत का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बन जाएगा। पहले और दूसरे चरण के लिए २६९९ हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण पूरा हो चुका है और एक रनवे के निर्माण कार्य में तेजी से प्रगति हो रही है। परियोजना का वाणिज्यिक संचालन अक्टूबर २०२५ तक शुरू होने की उम्मीद है।

इस विस्तार परियोजना से कुल १७९४५ परिवार प्रभावित होंगे, यानी लगभग २७३५७ लोग विस्थापित होंगे। इन्हें जेवर तहसील के ७ गांवों में पुनर्वासित किया जाएगा। हालांकि, नीमका शाहजहांपुर, ख्वाजपुर और थोरा गांवों के कई किसानों ने भूमि सर्वे का विरोध किया है, जिसके कारण इन गांवों के कुछ हिस्सों को फिलहाल पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है।

प्रस्तावित अधिग्रहण प्रक्रिया उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 'भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम २०१३' के अंतर्गत की जा रही है। इस अधिनियम की धारा-१६ के अंतर्गत पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन प्रशासक द्वारा योजना का ड्राफ्ट तैयार किया गया है। इस विस्तार के कारण ७ सरकारी स्कूलों को भी स्थानांतरित किया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों की शिक्षा पर न्यूनतम असर हो, इसके लिए भी वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है।

यह एयरपोर्ट दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और हिंडन एयरबेस के बाद तीसरा बड़ा हवाई केंद्र बनेगा। इसके अलावा, यह एयरपोर्ट ताजमहल, मथुरा, वृंदावन जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों के निकट होने के कारण पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय द्वारा तैयार की गई सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन (सोशल इंपैक्ट असेसमेंट) की रिपोर्ट को राज्य सरकार को प्रस्तुत किया गया था। इसके आधार पर बहुशाखीय विशेषज्ञ समूह की सिफारिशों के साथ राज्य सरकार ने ८ जनवरी २०२५ को इसे स्वीकृति प्रदान की। अब आगे की प्रक्रिया के तहत भूमि अधिग्रहण के साथ पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन की कार्यवाही को तेजी से अमल में लाया जाएगा, ताकि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे चरण का कार्य निर्धारित समयसीमा में पूरा हो सके।

राष्ट्र प्रेस

पीकेटी/पीएसके

Point of View

यह स्पष्ट है कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का विस्तार न केवल क्षेत्रीय विकास को गति देगा, बल्कि यह रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगा। हालांकि, यह भी महत्वपूर्ण है कि प्रभावित परिवारों की उचित पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि उनके जीवन स्तर पर न्यूनतम प्रभाव पड़े।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

नोएडा एयरपोर्ट का विस्तार कब शुरू हुआ?
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का विस्तार भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के साथ २५ जुलाई २०२३ को शुरू हुआ।
कितने गांव प्रभावित होंगे?
इस विस्तार से कुल १४ गांव प्रभावित होंगे।
प्रभावित परिवारों को क्या मुआवजा मिलेगा?
प्रभावित परिवारों को पुनर्वास और मुआवजे की योजना के तहत सहायता प्रदान की जाएगी।
परियोजना का वाणिज्यिक संचालन कब शुरू होगा?
परियोजना का वाणिज्यिक संचालन अक्टूबर २०२५ तक शुरू होने की उम्मीद है।
कितने रनवे बनाए जाएंगे?
इस विस्तार में कुल ६ रनवे बनाए जाने की योजना है।