क्या नोएडा अथॉरिटी दफ्तर के बाहर किसानों का हंगामा बढ़ता जाएगा?

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क्या नोएडा अथॉरिटी दफ्तर के बाहर किसानों का हंगामा बढ़ता जाएगा?

सारांश

नोएडा में किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। 81 गांवों के किसान अपनी मांगों को लेकर महापंचायत आयोजित कर रहे हैं। उनका आरोप है कि अथॉरिटी ने भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास नीति पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। क्या यह आंदोलन और तेज होगा?

Key Takeaways

  • किसानों का प्रदर्शन जारी है
  • महापंचायत में अपनी मांगों को रखा गया
  • अथॉरिटी प्रशासन की नाकामी पर नाराजगी
  • झड़पों में पुलिस और किसानों के बीच तनाव
  • आंदोलन को और व्यापक बनाने की योजना

नोएडा, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा अथॉरिटी के कार्यालय के बाहर किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है। सोमवार को 81 गांवों के किसानों ने महापंचायत कर अपनी मांगों को लेकर एक बड़ा धरना आयोजित किया। किसानों का कहना है कि अथॉरिटी प्रशासन ने लंबे समय से उनकी भूमि अधिग्रहण से संबंधित समस्याओं और पुनर्वास नीति के वादों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

सोमवार सुबह से ही सैकड़ों किसान नोएडा अथॉरिटी कार्यालय के बाहर एकत्र होने लगे। प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर किसानों ने नारेबाजी की और प्रशासन के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की। किसानों का आरोप है कि अथॉरिटी बार-बार बैठक का आश्वासन देकर उनकी मांगों को टालती रही है, लेकिन अब वे चुप नहीं बैठेंगे।

महापंचायत के दौरान किसानों ने अथॉरिटी परिसर के गेट को खोलने का प्रयास किया। इस दौरान सुरक्षाबलों ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोकने का प्रयास किया। जब किसान गेट को धकेलने लगे, तो पुलिसकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों के साथ उनकी झड़प हो गई। कई बार स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई कि नियंत्रण से बाहर जाने लगी। पुलिस को बैरिकेडिंग के दोनों ओर जवानों की अतिरिक्त तैनाती करनी पड़ी।

किसानों का गुस्सा अथॉरिटी द्वारा विकास कार्यों के नाम पर अधिग्रहीत जमीन के मुआवजे और प्लॉट आवंटन में हो रही देरी को लेकर है। किसान संगठन के नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि जल्दी उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा। महापंचायत में यह निर्णय लिया गया कि आने वाले दिनों में आंदोलन की दिशा तय करने के लिए एक रणनीतिक बैठक बुलाई जाएगी।

किसानों ने स्पष्ट कहा कि अब सिर्फ आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई चाहिए—नहीं तो आंदोलन और उग्र रूप लेगा। इस दौरान पुलिस प्रशासन ने भारी फोर्स तैनात रखी और पूरे इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई।

Point of View

तब तक स्थिति नियंत्रण में नहीं आ सकती। किसानों को अपने अधिकारों के लिए लड़ने का पूरा हक है और यह जिम्मेदारी प्रशासन की है कि वो उनकी समस्याओं का समाधान करे।
NationPress
20/12/2025

Frequently Asked Questions

किसानों की मुख्य मांगें क्या हैं?
किसानों की मुख्य मांगें भूमि अधिग्रहण से संबंधित समस्याओं का समाधान और पुनर्वास नीति के तहत उचित मुआवजा हैं।
क्या प्रदर्शन में कोई हिंसा हुई?
जी हां, किसानों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प हुई जब उन्होंने अथॉरिटी के गेट खोलने का प्रयास किया।
किसान संगठनों ने क्या चेतावनी दी है?
किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें जल्दी नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
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