क्या नोएडा में पीजी और फ्लैटों में चोरी करने वाला गैंग बेनकाब हुआ?
Key Takeaways
- गैंग की गिरफ्तारी से स्थानीय सुरक्षा में सुधार होगा।
- पुलिस की तत्परता से अपराधियों पर लगाम लगेगी।
- समुदाय की जागरूकता अपराधों को रोकने में सहायक होगी।
नोएडा, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट के थाना सेक्टर-58 पुलिस ने पीजी और फ्लैटों में चोरी करने वाले एक शातिर गैंग का पर्दाफाश करते हुए महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है।
पुलिस ने इस गैंग के तीन सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से 13 चोरी के मोबाइल फोन, चोरी की मोटरसाइकिल, 19,000 रुपये नकद और दो चाकू बरामद किए हैं। ये आरोपी पीजी में सफाई के दौरान खुले कमरों को देखकर चोरी की वारदातें अंजाम देते थे और मौके पर स्नैचिंग भी करते थे।
गिरफ्तार आरोपियों में समीरसेख सफीक निवासी न्यू सीमापुरी, दिल्ली, अमन पुत्र आमीर निवासी बिजनौर और जावेद पुत्र अब्दुल हसन निवासी मुस्तफाबाद गोकलपुरी, दिल्ली शामिल हैं।
पुलिस के अनुसार, यह एक संगठित आपराधिक गिरोह है जो सुबह के समय पीजी और फ्लैटों में सफाई के दौरान खुले कमरों में घुसता था। अमन और जावेद किसी बहाने कमरे में जाकर मोबाइल फोन और लैपटॉप चुरा लेते थे, जबकि चोरी का सामान सलीम नामक साथी पश्चिम बंगाल, बिहार और अन्य राज्यों में सस्ते दाम पर बेच देता था। गैंग द्वारा चोरी के बाद भागने और स्नैचिंग में इस्तेमाल की जाने वाली मोटरसाइकिल भी बरामद की गई है।
पुलिस जांच में यह भी ज्ञात हुआ है कि यह गैंग नोएडा के अलावा गाजियाबाद और दिल्ली में भी कई वारदातें कर चुका है। अगस्त 2025 में इंदिरापुरम से एक मोटरसाइकिल चोरी का मामला दर्ज है। नोएडा सेक्टर-62 स्थित कई पीजी से मोबाइल और लैपटॉप चोरी, जेपी इंस्टीट्यूट के सामने बैग और लैपटॉप स्नैचिंग, और सेक्टर-39 थाना क्षेत्र में मोबाइल छीने जाने की कई घटनाएं भी दर्ज की गई हैं।
गिरफ्तार आरोपियों का आपराधिक इतिहास भी गंभीर है। जावेद के खिलाफ दिल्ली के विभिन्न थानों में लगभग 13 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें चोरी, लूट, डकैती और हत्या तक के आरोप शामिल हैं। अमन के खिलाफ हरियाणा में 1 तथा उत्तर प्रदेश में 7 मामले दर्ज हैं, वहीं सलीम के खिलाफ उत्तर प्रदेश में 7 मुकदमे हैं। पुलिस अब चोरी के मोबाइल और लैपटॉप को बाहरी राज्यों में बेचने वाले नेटवर्क की कड़ियों तक पहुंचने के लिए पूछताछ और छापेमारी कर रही है।