क्या नोएडा में साइबर ठगों ने 12 करोड़ रुपए की ठगी कर दी?
सारांश
Key Takeaways
- साइबर ठगी से सतर्क रहें।
- किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
- अपने निवेश के बारे में सोच-समझकर निर्णय लें।
- साइबर क्राइम की रिपोर्ट करें।
- ऑनलाइन सुरक्षा के उपायों को अपनाएँ।
नोएडा, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा में साइबर ठगों ने अब तक का सबसे बड़ा ऑनलाइन धोखाधड़ी का मामला सामने लाते हुए सेक्टर-47 के एक कंसल्टेंट से लगभग 12 करोड़ रुपए की रकम हड़प ली। इन ठगों ने शेयर मार्केट में भारी मुनाफे का झांसा देकर एक सुनियोजित योजना के तहत इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया। साइबर क्राइम विभाग ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, पीड़ित इंद्रपाल सिंह, जो एक कंसल्टेंट हैं, 17 अक्टूबर को एक व्हाट्सऐप संदेश के जरिए ठगी के जाल में फंस गए। 'क्यारा शर्मा' नाम की महिला प्रोफाइल से आए संदेश में उसे शेयर मार्केट विशेषज्ञ बताया गया था। सामान्य बातचीत के बाद, महिला ने उन्हें बड़े मुनाफे का लालच देते हुए निवेश योजना की जानकारी प्रदान की।
इसके बाद पीड़ित को दो व्हाट्सऐप ग्रुप—'सुंदरण एमसी - स्टे पॉजिटिव' और '111 सुंदरण एमसी इनफिनिटी पॉसिबिलिटीज' में जोड़ा गया। इन ग्रुप्स में रोजाना फर्जी मुनाफे के स्क्रीनशॉट और नकली ट्रेडिंग के झूठे दावे साझा किए जाते थे, जिससे पीड़ित का विश्वास बढ़ता चला गया। ग्रुप एडमिन्स ने यह भी झूठा भरोसा दिलाया कि यह एक प्रमाणित एवं सुरक्षित ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है। ग्रुप के निर्देश पर पीड़ित ने साढ़ेमैक्स ऐप डाउनलोड किया, जिसके जरिए 17 दिनों तक उन्हें लगातार ट्रेडिंग का झांसा दिया गया।
शुरुआत में 50 हजार रुपए के निवेश पर दिखाया गया मुनाफा और उसमें से 9 लाख रुपए निकाल पाने से पीड़ित का भरोसा ठगों पर पूरी तरह से बन गया। इसी भरोसे का फायदा उठाते हुए साइबर ठगों ने 17 दिनों के भीतर 9 अलग-अलग बैंक ट्रांजेक्शन के जरिए कुल 11 करोड़ 99 लाख 50 हजार रुपए उनसे निवेश के नाम पर ट्रांसफर करा लिए। इसके बाद धोखेबाजों ने पीड़ित को एक्सटो टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के आईपीओ में निवेश का लालच देकर इस बार 17 करोड़ रुपए की भारी मांग रखी।
इस पर इंद्रपाल सिंह को शक हुआ और उन्हें एहसास हुआ कि वे साइबर फ्रॉड का शिकार हो चुके हैं। संदेह होने पर उन्होंने तुरंत साइबर क्राइम थाना पहुंचकर एफआईआर दर्ज कराई।
एडीसीपी साइबर क्राइम शव्या गोयल ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि बैंक खातों की पहचान कर संबंधित ट्रांजेक्शन्स को फ्रीज करने की कार्रवाई की जा रही है। पुलिस तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश में जुटी है। नोएडा में इतनी बड़ी राशि की साइबर ठगी पहली बार सामने आई है, जिससे साइबर अपराधियों की बढ़ती सक्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी ऑनलाइन निवेश या शेयर ट्रेडिंग के नाम पर आने वाले संदेशों से सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध लिंक, ऐप या ग्रुप में शामिल न हों।