क्या नोएडा में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या समस्या बन रही है।
- 1 लाख 8 हजार से ज्यादा काटने के मामले दर्ज किए गए हैं।
- स्वास्थ्य विभाग ने एंटी रैबिज वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ाई है।
- सामाजिक टकराव के मामले भी बढ़ रहे हैं।
- जागरूकता जरूरी है।
नोएडा, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा की सड़कों पर आवारा कुत्तों का आतंक निरंतर बढ़ता जा रहा है। आम नागरिकों के लिए अब सड़कों पर चलना भी खतरे से खाली नहीं है। पिछले 7 महीनों में पालतू और आवारा कुत्तों द्वारा काटे जाने के 1 लाख 8 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग भी सतर्क हो गया है।
जिला अस्पताल और अन्य सरकारी संस्थानों में एंटी रैबिज वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी से मई के बीच कुत्तों के काटने के 69,188 मामले सामने आए। जुलाई महीने में ही 18 हजार से अधिक डॉग बाइट के केस दर्ज हुए हैं। वहीं, बंदरों और बिल्लियों के काटने के भी 32 हजार से अधिक मामले पिछले दो महीनों में सामने आए हैं।
नोएडा के ग्रामीण इलाकों और सेक्टरों में कुत्तों के काटने की घटनाओं में निरंतर वृद्धि हो रही है। डॉग लवर्स और आम नागरिकों के बीच इस मुद्दे को लेकर अक्सर टकराव भी देखने को मिलता है।
स्वास्थ्य विभाग की मानें तो लगभग सभी सरकारी अस्पतालों में एंटी रैबिज इंजेक्शन उपलब्ध हैं। डिप्टी सीएमओ डॉ. टीकम सिंह ने बताया कि 31 जुलाई तक जिले में 1.08 लाख मामले दर्ज किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि कुत्तों के काटने की घटनाओं की लगातार रिपोर्टिंग और जागरूकता के चलते भी आंकड़ों में बढ़ोतरी देखी जा रही है।
नोएडा के सिविल अस्पताल पहुंचे एक मरीज ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस को बताया कि उसे एक बिल्ली ने काट लिया था। वह इंजेक्शन लगवाने आया है। मरीज ने कहा कि कुत्ते भी बहुत ज्यादा हो रहे हैं, जो रास्तों में लोगों को काट लेते हैं। एक अन्य मरीज ने कहा, "मुझे एक कुत्ते ने काटा था। मैं इंजेक्शन लगवाने आया हूं। यहां अस्पताल में पूरी व्यवस्था है।"