क्या साइबर ठगों ने नोएडा जल विभाग को निशाना बनाया है? फर्जी नोटिस और ऐप के जरिए हो रही है धोखाधड़ी

सारांश
Key Takeaways
- साइबर ठगों ने सरकारी दफ्तरों को भी निशाना बनाया है।
- फर्जी नोटिस और ऐप के माध्यम से धोखाधड़ी हो रही है।
- नोएडा प्राधिकरण ने एफआईआर दर्ज कराई है।
- नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
- संदिग्ध संदेशों की रिपोर्ट करना आवश्यक है।
नोएडा, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। नोएडा शहर में साइबर ठगों ने अब सरकारी दफ्तरों को भी अपने निशाने पर लेना शुरू कर दिया है। इन ठगों ने सरकारी दफ्तरों के ऐप की नकल करके और उनके नाम पर धोखाधड़ी की जा रही है। नागरिकों को फर्जी नोटिस भेजकर उन्हें ठगा जा रहा है। इस धोखाधड़ी के खिलाफ नोएडा प्राधिकरण ने एफआईआर दर्ज कराई है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
प्राधिकरण से मिली जानकारी के अनुसार, कुछ चालाक साइबर अपराधी "नोएडा वाटर सप्लाई डिस्ट्रीब्यूशन प्राइवेट लिमिटेड" और "नोएडा जल" के नाम का भ्रामक उपयोग कर रहे हैं। ये ठग वाट्सऐप के माध्यम से नागरिकों को डराने और भ्रमित करने के लिए फर्जी नोटिस भेज रहे हैं, जिसमें कहा गया है कि जलापूर्ति सेवा रात 9:30 बजे तक बंद कर दी जाएगी क्योंकि पिछले महीने का जल बिल जमा नहीं किया गया है।
इस फर्जी संदेश में नागरिकों को यह भी निर्देश दिया जा रहा है कि बिल अपडेट करने के लिए तुरंत "देवेश जोशी" नामक व्यक्ति से संपर्क करें। इसके साथ ही "पाइप लाइन वाटर बिल अपडेट.एपीके" नाम की संदिग्ध फाइल भी भेजी जा रही है, जिसमें मैलवेयर होने की आशंका है। इस संदेश में प्रयुक्त मोबाइल नंबर पर "नोएडा जल" का प्रोफाइल पिक्चर भी लगा हुआ है, जिससे संदेह और बढ़ जाता है।
जल विभाग ने स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई भी सूचना, लिंक या फाइल आधिकारिक रूप से नहीं भेजी जा रही है। यह पूरी तरह से फर्जी, भ्रामक और असत्य है। विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे ऐसे किसी भी लिंक पर क्लिक न करें और किसी अनजान फाइल को डाउनलोड या खोलें नहीं। इस साइबर धोखाधड़ी के संबंध में पुलिस थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई जा चुकी है और जांच प्रक्रिया आरंभ की जा चुकी है। जल विभाग ने नागरिकों को जागरूक करते हुए कहा है कि किसी भी संदेहास्पद संदेश मिलने पर तुरंत प्राधिकरण को सूचित करें या नजदीकी पुलिस थाने में इसकी जानकारी दें।