क्या फर्जी जॉब प्लेसमेंट गिरोह का भंडाफोड़ हुआ? कॉल सेंटर चलाकर बेरोजगार युवाओं को ठगने वाला मास्टरमाइंड गिरफ्तार
सारांश
Key Takeaways
- साइबर ठगी के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है।
- पुलिस ने एक संगठित कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है।
- युवाओं को ठगने के लिए फर्जी ऑफर लेटर का इस्तेमाल किया जा रहा था।
- किसी भी अनजान व्यक्ति से नौकरी के मामलों में सावधान रहें।
- सुरक्षा के लिए अपनी जानकारी साझा न करें।
नोएडा, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। साइबर ठगी के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए की जा रही पुलिस की लगातार कार्रवाई के बीच थाना साइबर क्राइम और थाना फेस-1 पुलिस को एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। दोनों थानों की संयुक्त टीम ने मल्टीनेशनल कंपनियों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगार युवाओं से लाखों रुपए की ठगी करने वाले एक संगठित कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है।
इस गिरोह के मास्टरमाइंड विशाल कुमार पुत्र उमेश कुमार (निवासी दिल्ली, उम्र 23 वर्ष) को सेक्टर-2 नोएडा से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने आरोपी के पास से कई आपत्तिजनक और ठगी से जुड़े उपकरण बरामद किए हैं, जिनमें एक लैपटॉप, तीन चेकबुक, तीन पासबुक, 19 डेबिट कार्ड, 29 सिम कार्ड, 30 मोबाइल फोन और 172 वर्क कॉलिंग डेटा शामिल हैं।
पुलिस के अनुसार, ये सभी उपकरण और डेटा ठगी के नेटवर्क को संचालित करने के लिए उपयोग किए जा रहे थे। पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि वह और उसके साथी बेरोजगार युवाओं को नौकरी का लालच देकर कॉल सेंटर के माध्यम से संपर्क करते थे। वे मल्टीनेशनल कंपनियों में उच्च वेतन वाली नौकरी का झांसा देकर रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर 4 हजार से 25 हजार रुपए तक वसूलते थे। इसके लिए गिरोह फर्जी ईमेल आईडी, नकली ऑफर लेटर और अपॉइंटमेंट बॉन्ड तैयार कर भेजता था।
आरोपी ने बताया कि इनके द्वारा कई कंपनियों के नाम पर फर्जी ऑफर लेटर भेजे जाते थे और युवाओं से रकम विभिन्न फर्जी बैंक खातों में ट्रांसफर कराई जाती थी। आरोपी ने 10 से अधिक फर्जी बैंक खाते खुलवा रखे थे, जिनमें लाखों रुपए का लेनदेन हुआ है। पुलिस ने इन खातों में जमा रकम को फ्रीज कर दिया है। गिरफ्तार आरोपी विशाल कुमार बीए पास है और लंबे समय से इस साइबर ठगी रैकेट को संचालित कर रहा था। उसके खिलाफ थाना साइबर क्राइम, गौतमबुद्धनगर में मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी अनजान व्यक्ति के नौकरी संबंधी कॉल या ईमेल पर तुरंत भरोसा न करें। कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट से हमेशा जानकारी सत्यापित करें और कभी भी बैंक विवरण, ओटीपी, आधार, पैन या डेबिट कार्ड की जानकारी किसी को न दें।