क्या नोएडा में परिवहन और खनन विभाग की कड़ी कार्रवाई ने ओवरलोडिंग पर अंकुश लगाया?

सारांश
Key Takeaways
- गौतमबुद्ध नगर में ओवरलोडिंग पर कड़ी कार्रवाई हो रही है।
- परिवहन विभाग ने ₹2.28 करोड़ का चालान वसूला है।
- ओवरलोडिंग आर्थिक और पर्यावरणीय नुकसान पहुंचाता है।
- यह सड़क सुरक्षा के लिए भी खतरा है।
- ओवरलोडिंग गैरकानूनी है और इसके लिए सजा निर्धारित है।
नोएडा, 24 जून (राष्ट्र प्रेस)। गौतमबुद्ध नगर में ओवरलोडिंग वाहनों पर नियंत्रण लगाने के लिए परिवहन विभाग के अधिकारियों ने कड़ी कार्रवाई आरंभ कर दी है।
इसी क्रम में संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन गौतम बुद्ध नगर डॉ. उदित नारायण पांडेय ने मंगलवार को पुलिस, परिवहन और खनन विभाग द्वारा ओवरलोडिंग पर कड़ी कार्रवाई करते हुए 15 ओवरलोड वाहनों के खिलाफ चालान किया और सेक्टर 126 तथा सेक्टर 142 में इन्हें बंद किया। इन पर चालान शुल्क ₹7 लाख 80 हजार लगाया गया है।
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी ने बताया कि परिवहन विभाग गौतमबुद्ध नगर द्वारा वित्तीय वर्ष में माह अप्रैल, मई और जून 2025 में अब तक क्रमिक रूप से 347 वाहनों से ₹2 करोड़ 28 लाख रुपए चालान शुल्क वसूल किया गया है, जो गत वर्ष 2024 की उक्त अवधि से लगभग 3 गुना अधिक है।
उन्होंने ओवरलोडिंग ट्रकों, मिनी ट्रकों के संचालकों एवं वाहन चालकों को बताया कि वाहन में क्षमता से अधिक माल लादने से कई गंभीर नुकसान हो सकते हैं। यह न केवल वाहन चालकों और सड़क पर चलने वालों के लिए खतरा पैदा करता है, बल्कि आर्थिक और पर्यावरणीय नुकसान भी पहुंचाता है। इसके अलावा, अधिक वजन के कारण ट्रक का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे ब्रेक फेल होने, टायर फटने या वाहन के पलटने की संभावना बढ़ जाती है। यह चालक और अन्य लोगों की जान को जोखिम में डालता है।
उन्होंने अपील की है कि ओवरलोडेड वाहनों को चलाने में अधिक ईंधन खर्च होता है, जिससे परिवहन लागत बढ़ती है और पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है, क्योंकि ज्यादा ईंधन जलने से प्रदूषण बढ़ता है। साथ ही, भारत में मोटर वाहन अधिनियम के तहत ओवरलोडिंग गैरकानूनी है। पकड़े जाने पर भारी जुर्माना, वाहन जब्ती और चालक लाइसेंस व परमिट निरस्तीकरण सहित अनेक कड़ी कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।