क्या अक्टूबर में भारत में कारोबारी गतिविधियों में वृद्धि हुई? सर्विसेज पीएमआई 58.9 पर रहा
सारांश
Key Takeaways
- एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज पीएमआई अक्टूबर में 58.9 पर रहा।
- सर्विस सेक्टर की ग्रोथ में मजबूत मांग और जीएसटी कटौती का योगदान।
- प्रतिस्पर्धा और भारी बारिश ने विकास की गति को प्रभावित किया।
- मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी बढ़कर 59.2 हो गई।
- भविष्य के लिए सर्विस प्रोवाइडर्स आशावादी हैं।
नई दिल्ली, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। एएंडपी ग्लोबल डेटा द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स अक्टूबर में 58.9 पर बना रहा, जो यह दर्शाता है कि भारत के सर्विस सेक्टर में विकास की गति मजबूत बनी हुई है।
एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स 50 के मार्क के ऊपर है और इसका लंबे समय का औसत 54.3 से भी काफी अधिक है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि मजबूत मांग और हाल ही में लागू जीएसटी रेट कटौती ने गतिविधियों को प्रोत्साहित किया है। हालांकि, प्रतिस्पर्धा और भारी बारिश के कारण विकास की गति कुछ हद तक प्रभावित हुई है।
एचएसबीसी की चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी के अनुसार, प्रतिस्पर्धा और भारी बारिश के कारण सर्विस सेक्टर की गति में थोड़ी कमी आई है, लेकिन सर्विसेज पीएमआई अभी भी 50 के न्यूट्रल स्तर से ऊपर है और अपने लॉन्ग-रन एवरेज से काफी अधिक बना हुआ है।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि अक्टूबर में नए बिजनेस में तेजी से बढ़ोतरी हुई। हालांकि, बाढ़ और बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने मांग को प्रभावित किया। इसके साथ ही, अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भी वृद्धि हुई, लेकिन यह इस वर्ष मार्च के बाद की सबसे धीमी दर रही, जो भारतीय सर्विसेज के लिए कम होती विदेशी मांग की ओर इशारा करती है।
धीमी गति के बावजूद, सर्विस प्रोवाइडर्स भविष्य के लिए बिजनेस एक्टिविटी को लेकर आशावादी बने हुए हैं।
इस बीच, मजबूत मांग और जीएसटी रेट में कटौती के चलते अक्टूबर में मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी बढ़कर 59.2 हो गई।
अक्टूबर में एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स सितंबर के 57.7 से ऊपर रहा, जो इस सेक्टर में तेज सुधार को दर्शाता है। अक्टूबर का 59.2 अगस्त में दर्ज 59.3 से थोड़ा कम था।
प्रांजुल भंडारी ने कहा कि पिछले महीने की मजबूत मांग ने आउटपुट को बढ़ावा दिया, जिससे नए नौकरियों के अवसर उत्पन्न हुए और कंपनियों को नए ऑर्डर मिले।