क्या बालासोर छात्रा आत्मदाह मामले में ओडिशा बंद की आवश्यकता थी?

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क्या बालासोर छात्रा आत्मदाह मामले में ओडिशा बंद की आवश्यकता थी?

सारांश

ओडिशा में बालासोर छात्रा के आत्मदाह के बाद कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने 12 घंटे के बंद का ऐलान किया है। यह निर्णय महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा के खिलाफ एक मजबूत संदेश भेजने के लिए लिया गया है। इस दौरान सड़कों पर प्रदर्शन हो रहे हैं और सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की जा रही है।

Key Takeaways

  • ओडिशा बंद का आह्वान महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा के खिलाफ किया गया है।
  • प्रदर्शनकारी सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
  • छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

भुवनेश्वर, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में गुरुवार को कांग्रेस के नेतृत्व में 8 विपक्षी दलों ने 12 घंटे के ओडिशा बंद का आह्वान किया है। यह बंद बालासोर की फकीर मोहन स्वायत्त कॉलेज की छात्रा की आत्मदाह के विरोध में और महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा के खिलाफ बुलाया गया है। सुबह 6 बजे से शुरू हुए इस बंद के कारण शहर में बसों का परिचालन ठप है, दुकानें बंद हैं, और राष्ट्रीय राजमार्ग 16 सहित मास्टर कैंटीन चौक पर प्रदर्शनकारी चक्काजाम कर प्रदर्शन कर रहे हैं।

इससे सड़कों पर पूरी तरह से आवागमन बाधित हो गया है। प्रदर्शनकारी बालासोर में फकीर मोहन स्वायत्त कॉलेज की 20 वर्षीय छात्रा की आत्मदाह की घटना में कड़ी कार्रवाई और उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यबंशी सूरज के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

सीपीआईएम (लिबरेशन) के नेता महेंद्र परिदा ने राष्ट्र प्रेस के साथ खास बातचीत में कहा कि छात्रा ने कई बार मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री, केंद्रीय शिक्षा मंत्री, जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, स्थानीय विधायक और सांसद से मदद मांगी, लेकिन किसी ने उनकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया।

उन्होंने बताया कि कॉलेज की आंतरिक शिकायत समिति ने आरोपी प्रोफेसर समीर साहू को बर्खास्त करने की सिफारिश की थी, लेकिन प्राचार्य ने इसका विरोध किया और समझौते का दबाव बनाया। परिदा ने तीन प्रमुख मांगें रखीं, जिनमें उच्च शिक्षा मंत्री का इस्तीफा, घटना की न्यायिक जांच और सभी दोषियों को सख्त सजा शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि ओडिशा में पिछले एक साल में भाजपा सरकार के शासन में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अत्याचार बढ़े हैं और सरकार इसकी अनदेखी कर रही है।

ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव प्रदीप महापात्रा ने कहा कि आठ दलों का गठबंधन शांतिपूर्ण तरीके से बंद का आयोजन कर रहा है। उन्होंने बताया कि लोग इस बंद का समर्थन कर रहे हैं।

महापात्रा ने कहा कि सरकार को अपनी कार्यशैली सुधारनी चाहिए और लोगों के हित में काम करना चाहिए।

हालांकि, इस बंद से छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भुवनेश्वर में एक छात्र ने बताया कि आज उनकी प्रैक्टिकल परीक्षा थी, लेकिन बंद के कारण उन्हें परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में दिक्कत हो रही है।

छात्र ने कहा, "हमें पांच किलोमीटर दूर पैदल जाना पड़ रहा है, क्योंकि कोई सवारी उपलब्ध नहीं है।" कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआई(एम), सीपीआईएमएल, फॉरवर्ड ब्लॉक, सपा, राजद और एनसीपी जैसे दलों ने इस बंद को समर्थन दिया है।

सुबह 6 बजे से शुरू हुआ बंद शाम 6 बजे तक चलेगा। प्रदर्शनकारी सरकार से महिलाओं की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने की मांग कर रहे हैं।

Point of View

NationPress
17/07/2025

Frequently Asked Questions

ओडिशा बंद का कारण क्या है?
ओडिशा बंद का कारण बालासोर की एक छात्रा का आत्मदाह है, जो महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा के विरोध में आयोजित किया गया है।
इस बंद में कौन-कौन से दल शामिल हैं?
इस बंद में कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआई(एम), सीपीआईएमएल, फॉरवर्ड ब्लॉक, सपा, राजद और एनसीपी जैसे दल शामिल हैं।