क्या ओडिशा के कंधमाल में एक करोड़ के इनामी समेत 4 नक्सली ढेर हुए?

Click to start listening
क्या ओडिशा के कंधमाल में एक करोड़ के इनामी समेत 4 नक्सली ढेर हुए?

सारांश

ओडिशा के कंधमाल में सुरक्षा बलों ने माओवादी विरोध अभियान के तहत एक बड़ा झटका दिया है। इस अभियान में एक करोड़ रुपये के इनामी माओवादी नेता गणेश उइके समेत चार माओवादी ढेर किए गए हैं। यह सफलता सुरक्षा बलों की खुफिया कार्रवाई की प्रभावशीलता को दर्शाती है।

Key Takeaways

  • गणेश उइके समेत चार माओवादी ढेर हुए।
  • यह अभियान सुरक्षा बलों द्वारा संचालित था।
  • मुठभेड़ में महिला माओवादी भी शामिल थे।
  • गणेश उइके पर एक करोड़ रुपये का इनाम था।
  • यह घटना ओडिशा में माओवादी नेतृत्व के लिए बड़ा झटका है।

कंधमाल, 25 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा में सुरक्षा बलों ने माओवादी विरोध अभियान के मोर्चे पर एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। कंधमाल एवं गंजाम जिलों के सीमावर्ती वन क्षेत्रों में संयुक्त अभियान के दौरान एक वरिष्ठ माओवादी नेता को मार गिराया गया है।

यह अभियान सशस्त्र माओवादी कैडरों की उपस्थिति से संबंधित विश्वसनीय सूचनाओं के आधार पर एलडब्ल्यूई-प्रभावित रम्भा वन क्षेत्र में प्रारंभ किया गया। यह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से माओवादियों की आवाजाही, पुनर्गठन एवं रसद आपूर्ति का प्रमुख मार्ग रहा है।

बुधवार तड़के, वन क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर सुरक्षा बलों और माओवादी कैडरों के बीच कई बार मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ समाप्त होने के पश्चात क्षेत्र में व्यवस्थित सर्च एवं एरिया डॉमिनेशन ऑपरेशन चलाया गया। अभियान के उपरांत तलाशी के दौरान दो महिला कैडरों सहित चार माओवादियों के शव तथा हथियार एवं गोला-बारूद बरामद किए गए।

मुठभेड़ में मारे गए माओवादियों में से एक की पहचान गणेश उइके के रूप में हुई है, जो प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) संगठन का सेंट्रल कमेटी सदस्य (सीसीएम) एवं ओडिशा स्टेट कमेटी का प्रभारी था। उसके ऊपर एक करोड़ रुपए का इनाम घोषित था।

गणेश उइके कई उपनामों से भी जाना जाता था। वह तेलंगाना राज्य के नलगोंडा जिले के चेंदुर मंडल स्थित पुल्लेमाला गांव का निवासी था।

वर्ष 1988 से दंडकारण्य क्षेत्र में सक्रिय गणेश उइके माओवादी संगठन का एक वरिष्ठ और सक्रिय कैडर था। उसने जगदलपुर में सिटी ऑर्गनाइजर (1988–1998), वेस्ट बस्तर डिवीजनल कमेटी के सचिव (1998–2006), तथा दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्य (2006 के पश्चात) के रूप में कार्य किया।

गणेश उइके एक कट्टर माओवादी कैडर था, जिसके विरुद्ध छत्तीसगढ़ के सुकमा एवं बीजापुर जिलों में कुल 16 आपराधिक प्रकरण दर्ज थे। उसके आपराधिक पिछले जीवन से संबंधित विस्तृत विवरण संकलित किया जा रहा है।

गणेश उइके कई गंभीर अपराधों में संलिप्त था, जिनमें वर्ष 2014 में सुकमा जिले के तोंगपाल क्षेत्र अंतर्गत तहकवाड़ा में पुलिस दल पर किया गया सशस्त्र हमला प्रमुख है, जिसमें 15 पुलिस जवान शहीद हुए।

शेष तीन मारे गए माओवादी कैडरों की पहचान ओडिशा पुलिस द्वारा की जा रही है।

बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पैट्लिंगम ने बताया कि गणेश उइके का मारा जाना ओडिशा में माओवादी नेतृत्व, विशेषकर ओडिशा स्टेट कमेटी के लिए एक बड़ा झटका है।

उन्होंने आगे कहा कि इससे ओडिशा एवं आसपास के क्षेत्रों में माओवादियों की कमान, नियंत्रण एवं समन्वय क्षमता गंभीर रूप से कमजोर होगी। आज की यह सफलता सुरक्षा बलों की खुफिया-आधारित एवं समन्वित कार्रवाई की प्रभावशीलता को दर्शाती है तथा वामपंथी उग्रवाद के उन्मूलन के प्रति सरकार की सतत प्रतिबद्धता को पुनः पुष्ट करती है।

Point of View

यह घटना ओडिशा और आसपास के क्षेत्रों में माओवादी गतिविधियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की प्रभावशीलता को दर्शाती है। यह न केवल स्थानीय जनता के लिए सुरक्षा का संदेश है, बल्कि यह सरकार की माओवादी उग्रवाद के खिलाफ दृढ़ प्रतिबद्धता को भी सिद्ध करता है।
NationPress
25/12/2025

Frequently Asked Questions

ओडिशा में माओवादी गतिविधियों का क्या प्रभाव है?
माओवादी गतिविधियाँ ओडिशा के कई क्षेत्रों में सुरक्षा स्थिति को प्रभावित करती हैं, जिससे स्थानीय विकास और जनजीवन पर नकारात्मक असर पड़ता है।
सुरक्षा बलों की कार्रवाई कितनी प्रभावी है?
हाल की कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि सुरक्षा बलों की कार्रवाई माओवादी गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी है।
गणेश उइके की पहचान कैसे हुई?
गणेश उइके की पहचान सुरक्षा बलों द्वारा शव की पहचान के आधार पर की गई।
Nation Press