क्या ओडिशा में महिलाओं और नाबालिगों के खिलाफ अपराधों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है?

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क्या ओडिशा में महिलाओं और नाबालिगों के खिलाफ अपराधों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है?

सारांश

ओडिशा में बीजद के वरिष्ठ नेता भृगु बक्सीपात्रा ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कानून-व्यवस्था की विफलता को उजागर करते हुए सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाए। क्या यह स्थिति अब एक महामारी बन गई है?

Key Takeaways

  • महिलाओं और नाबालिगों के खिलाफ अपराधों की बढ़ती संख्या
  • राज्य सरकार की निष्क्रियता
  • कानून-व्यवस्था की विफलता
  • केंद्रीय गृह मंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग
  • समाज में जागरूकता की आवश्यकता

भुवनेश्वर, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बीजू जनता दल (बीजद) के वरिष्ठ नेता भृगु बक्सीपात्रा ने ओडिशा में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों की तीखी आलोचना की। उन्होंने जगतसिंहपुर में एक लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार और मलकानगिरी में एक नाबालिग के यौन उत्पीड़न को राज्य में कानून-व्यवस्था की विफलता का उदाहरण बताया।

बक्सीपात्रा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “यह सिर्फ एक घटना नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि ओडिशा में कोई भी दिन भयावह खबरों, बलात्कार, यौन उत्पीड़न या यहां तक कि महिलाओं की हत्या के बिना पूरा नहीं होता। ये घटनाएं स्कूलों, कॉलेजों, बसों, घरों और गांवों में भी, प्रदेश में लगभग हर जगह हो रही हैं।”

उन्होंने ऐसे अपराधों की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “राजधानी से नजदीक जगतसिंहपुर और मलकानगिरी तक, स्थिति समान रूप से गंभीर है। यह मुख्यमंत्री के गृह जिले में भी हो रहा है। यह अब सामान्य नहीं रहा; यह एक महामारी बन गया है।”

बीजद नेता ने राज्य सरकार पर निष्क्रियता और उदासीनता का आरोप लगाया और कहा कि इस समस्या को रोकने के लिए कोई आपातकालीन समीक्षा बैठक या कठोर प्रशासनिक कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग भी है। फिर भी, न तो डीजीपी और न ही गृह सचिव ने कोई सार्थक कदम उठाया है। शीर्ष नेतृत्व की यह चुप्पी खतरनाक है।”

उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक अपराधियों को कड़ी सजा नहीं दी जाती, ऐसे अपराध बेरोकटोक जारी रहेंगे। "अपराधियों का हौसला बढ़ता जा रहा है क्योंकि उन्हें पता है कि उन्हें पकड़ा नहीं जाएगा। अगर एक को सजा नहीं मिलती, तो दूसरा भी उसका पीछा करता है, यही आज ओडिशा में हो रहा है।"

हाल की घटना का जिक्र करते हुए, जिसमें एक कॉलेज छात्रा को कथित तौर पर जिंदा जला दिया गया और अब वह दिल्ली में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही है, उन्होंने कहा, "यह भयावह जमीनी हकीकत है जो लेक्चररों को भी कॉलेजों से इस्तीफा देने पर मजबूर कर रही है।"

बक्सीपात्रा ने राज्य में कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से तुरंत हस्तक्षेप करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, "चुनाव के दौरान, ओडिशा के लोगों से 'डबल इंजन सरकार' का वादा किया गया था। क्या उस वादे का यही मतलब था? हकीकत यह है कि अपराध एक समय-सारिणी की तरह, रोजमर्रा की जिंदगी बन गए हैं। यह सब चलता नहीं रह सकता।"

Point of View

यह आवश्यक है कि हम समाज में हो रहे ऐसे अपराधों का उचित विश्लेषण करें। महिलाओं और नाबालिगों के खिलाफ अपराधों की बढ़ती संख्या चिंताजनक है, और राज्य सरकार को इस पर त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। यह केवल एक राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि मानवीय अधिकारों का भी मामला है।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

ओडिशा में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि का कारण क्या है?
यह बढ़ती अपराध दर कई कारणों से हो सकती है, जैसे पुलिस की कमी, कानून-व्यवस्था में विफलता और सामाजिक असमानताएँ।
राज्य सरकार क्या कर रही है?
सरकार ने अभी तक इस समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
क्या केंद्रीय गृह मंत्रालय हस्तक्षेप करेगा?
बक्सीपात्रा ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से हस्तक्षेप करने की अपील की है।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस की संख्या बढ़ाना, सख्त कानून बनाना और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना जरूरी है।
क्या यह समस्या केवल ओडिशा में है?
नहीं, यह समस्या पूरे देश में फैली हुई है, लेकिन ओडिशा में स्थिति गंभीर है।