क्या ओडिशा में कांग्रेस विधायक सागर दास ने भाजपा पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया?

सारांश
Key Takeaways
- भाजपा पर लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप
- महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों का मुद्दा गंभीर है
- सदन में असहमति की आवाज दबाई जा रही है
- जनता के मुद्दों की अनदेखी हो रही है
- कांग्रेस ने जनहित के मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन जारी रखने का आश्वासन दिया है
भुवनेश्वर, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों पर ओडिशा विधानसभा में कांग्रेस विधायकों के विरोध प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस विधायक सागर दास ने भाजपा पर विपक्ष की आवाज को दबाकर “लोकतंत्र का गला घोंटने” का आरोप लगाया।
सागर दास ने राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में कहा कि सदन में जनता के मुद्दे उठाना हमारा अधिकार है, लेकिन भाजपा ने असहमति को दबाना अपनी आदत बना ली है। आज जब हमने महिला सुरक्षा के मुद्दे पर विधानसभा में विरोध प्रदर्शन किया, तो अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही स्थगित नहीं की। जबकि जब बीजद ने पांच दिनों तक विरोध प्रदर्शन किया, तो सदन की कार्यवाही एक मिनट के भीतर स्थगित कर दी गई। यह भाजपा और बीजद के बीच की अंदरूनी सांठगांठ को उजागर करता है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव दूसरी बार गलत तरीके से खारिज किया गया है। उन्होंने कहा, "सरकार को नियमों का कोई सम्मान नहीं है। या तो वे गुमराह हैं या फिर बहस से बचने के लिए जानबूझकर प्रक्रियाओं की गलत व्याख्या कर रहे हैं। १३ महीने से अधिक समय से सदन ठीक से काम नहीं कर रहा है और जनता के मुद्दों की अनदेखी की जा रही है।"
दास ने सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों दलों पर साझा मुद्दों पर एकजुट न होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "चाहे महिलाओं की सुरक्षा हो, किसानों की चिंता हो या बेरोजगारी, कांग्रेस ने हमेशा अपनी आवाज उठाई है। बीजद और भाजपा के विपरीत, हमारा रुख स्पष्ट है हम महिलाओं, युवाओं, छात्रों और हाशिए पर पड़े लोगों के लिए लड़ते रहेंगे।"
इस बीच, ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) की महिला शाखा ने महिलाओं के लिए न्याय की मांग और राज्य सरकार की कथित निष्क्रियता की निंदा करते हुए सदन के बाहर एक विशाल विधानसभा घेराव किया। कांग्रेस ने घोषणा की है कि वह आने वाले हफ्तों में प्रमुख जन मुद्दों पर नियमित रूप से राज्य स्तरीय विरोध प्रदर्शन और रैलियां आयोजित करती रहेगी।