क्या ऑपरेशन सिंदूर हमारी आत्मनिर्भरता का प्रमाण है? राजनाथ सिंह का बयान

सारांश
Key Takeaways
- ऑपरेशन सिंदूर भारतीय आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।
- भारतीय सेना ने स्वदेशी तकनीक का उपयोग किया।
- युवाओं को कौशल और संवेदनशीलता के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
- रक्षा निर्माण को बढ़ाने के लिए सकारात्मक प्रयास जारी रहने चाहिए।
- शिक्षा का असली उद्देश्य ज्ञान को जीवन में लागू करना है।
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर खुद में हमारी आत्मनिर्भरता का एक स्पष्ट उदाहरण है। इस ऑपरेशन के दौरान हमारी सेनाओं ने जो अद्भुत साहस दिखाया, वह पूरी दुनिया ने देखा। हमने स्वतंत्रता के बाद रक्षा क्षेत्र में जो चुनौतियाँ झेली थीं, उन्हें अब दूर किया है।
उन्होंने कहा कि हमने यह सुनिश्चित किया है कि भारत अपने सैनिकों के लिए हथियारों का निर्माण स्वयं करे। विशेष बात यह है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारे सैनिकों ने स्थानीय रूप से निर्मित उपकरणों का बड़े पैमाने पर उपयोग किया।
राजनाथ सिंह ने यह बातें सिम्बायोसिस स्किल्स एंड प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में कही। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि 2029 तक हम घरेलू रक्षा निर्माण को 3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाएं और 50,000 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात करें। यह एक बड़ा दृष्टिकोण है, और मुझे विश्वास है कि हम इसे साकार करेंगे।
उन्होंने बताया कि जब हम कौशल के बारे में बात करते हैं, तो हमें संवेदनशीलता की भी आवश्यकता है। कोई भी कौशल तब तक सार्थक नहीं है जब तक वह समाज के काम न आए। आज हमें ऐसे युवाओं की आवश्यकता है, जो न केवल पढ़े-लिखे हों, बल्कि स्वदेशी तकनीक को समझें और उसे विकसित करें।
राजनाथ सिंह ने कहा कि एक कुशल व्यक्ति कभी रुकता नहीं है; वह हर परिस्थिति में समाधान खोज लेता है। मुझे पूरा विश्वास है कि आप अपने कौशल और मेहनत से इतिहास रचेंगे। यह समय की आवश्यकता है कि आप बदलाव लाने के लिए प्रेरित हों। आज की दुनिया को ऐसे युवाओं की जरूरत है, जो न केवल बदलाव की बात करें, बल्कि इसे लागू करने का संकल्प लें।
उन्होंने कहा कि युवाओं का ज्ञान और हुनर हमारे देश की असली ताकत है। भविष्य में हमारे युवा ही भारत की दिशा तय करेंगे। कोशिश करें कि आप हर जगह कुछ अच्छा छोड़कर जाएं, किसी की मदद करें, या किसी को नई आशा दें। यही हमारे जीवन की असली उपलब्धि है।
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि ज़िंदगी में कई बार ऐसे हालात आते हैं जब हमारा भरोसा डगमगाता है। लेकिन याद रखें, हम अपने निर्णयों से तय करते हैं कि हम क्या करेंगे। उन्होंने कहा कि हमने कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन हार नहीं मानी। हमने रक्षा निर्माण को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किया और हमारे प्रयासों का सकारात्मक परिणाम हमें मिलने लगा।
उन्होंने कहा कि असली शिक्षा वह है, जो दूसरों के जीवन में प्रकाश लाए। किताबों में ज्ञान अधूरा है जब तक कि वह किसी काम में न आए। इसलिए आज की शिक्षा का असली उद्देश्य यह होना चाहिए कि जो सीखा है, उसे जीवन में कैसे लागू किया जाए।