क्या राष्ट्रपति ट्रंप के दावों पर पूर्व राजनयिक केपी फेबियन ने उनकी शैली पर सवाल उठाया?

सारांश
Key Takeaways
- ट्रंप की शैली विवादास्पद है।
- भारत-रूस संबंध मजबूत बने हुए हैं।
- आधिकारिक प्रतिक्रियाएँ महत्वपूर्ण हैं।
- कूटनीति में बदलाव देखने को मिल रहा है।
- भारत की ब्रिक्स अध्यक्षता का महत्व।
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और रूस के तेल व्यापार पर दिए गए अपने बयान से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नई चर्चा को जन्म दिया है। इस पर पूर्व राजनयिकों की प्रतिक्रियाएँ भी सामने आई हैं। पूर्व राजनयिक हर्षवर्धन श्रृंगला और केपी फेबियन ने राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत की।
केपी फेबियन ने ट्रंप के दावे के बारे में कहा, "मुझे नहीं पता कि राष्ट्रपति ट्रंप ने जानबूझकर यह बयान दिया कि हम जश्न मना रहे हैं। लेकिन, ऐसे बयानों का देना उनकी शैली का एक हिस्सा है। मुझे लगता है कि भारत की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, न ही वाशिंगटन में हमारे दूतावास से और न ही दिल्ली में विदेश मंत्रालय से। जब तक हमें भारत से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती, हम कुछ नहीं कह सकते। हमें नहीं पता कि हमें इसे कितनी गंभीरता से लेना चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "यह उनकी शैली है। यह पारंपरिक कूटनीति नहीं है। यह ट्रंप की एक नई कूटनीतिक शैली है। हमें यह ध्यान में रखना चाहिए कि ट्रंप अक्सर अपने ही बयानों का खंडन करते हैं।"
पूर्व राजनयिक हर्षवर्धन श्रृंगला ने भारत-रूस साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ पर कहा, "यह एक महत्वपूर्ण अवसर है क्योंकि यह रिश्ता समय के उतार-चढ़ाव और भू-राजनीतिक बदलावों के बावजूद मजबूत रहा है।" उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन के भारत आने की संभावना पर भी अपनी बात रखी।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दावों पर फेबियन ने कहा, "हर रिश्ते को उसकी खूबियों के आधार पर देखा जाना चाहिए। हमें वही करना चाहिए जो अमेरिका और रूस के साथ हमारे रिश्तों के लिए आवश्यक है।"