क्या ओवैसी ने जदयू-राजद पर निशाना साधा, बिहार की जनता को जंगलराज से छुटकारा दिलाने का आह्वान किया?
सारांश
Key Takeaways
- ओवैसी ने बिहार में जंगलराज से मुक्ति की आवश्यकता पर जोर दिया।
- राजद और जदयू के कार्यकाल की आलोचना की।
- मतदाताओं से विकास के लिए वोट देने की अपील की।
- घुसपैठियों के मुद्दे पर गंभीर सवाल उठाए।
- बिहार का राजनीतिक परिदृश्य बदलने की संभावना।
मोतिहारी, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को जदयू और राजद पर तीखा हमला किया। ओवैसी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि अब बदलाव का समय आ गया है।
उन्होंने बताया कि बिहार में 15 साल तक राजद की सरकार रही, जिसे पहले जंगलराज के रूप में जाना जाता है। अब नीतीश की 20 साल
तेजस्वी यादव पर टिप्पणी करते हुए ओवैसी ने कहा कि तेजस्वी के साथ आने वाले लोग मेरे खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। राजद के मुस्लिम नेताओं पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री का चेहरा बनने वाले लोग राजद के दरबार में क्या कर रहे हैं? ओवैसी ने कहा कि तेजस्वी यादव के दरबार में केवल कव्वाली का ही काम नहीं हो सकता।
ओवैसी ने मोतिहारी की जनसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के 'घुसपैठिए' वाले बयान का जवाब देते हुए कहा कि बिहार में 20 साल से नीतीश कुमार की सरकार है, जो चूहों को भी पकड़ नहीं सकी तो शेर से क्यों पूछ रहे हैं?
उन्होंने सवाल किया कि घुसपैठिए कहाँ हैं? 65 लाख मतदाता कट गए हैं, फिर कितने घुसपैठिए सामने आए? शेख हसीना को भारत में पनाह दी गई, पहले उसे बाहर निकाला जाए। ओवैसी का कहना है कि बिहार में घुसपैठिए नहीं हैं। यदि हैं, तो गृह मंत्रालय क्या कर रहा है?
संघ पर इशारों में तंज कसते हुए ओवैसी ने कहा कि गांधी की धरती पर हमें नमक-हराम कहा जा रहा है। नमक सत्याग्रह आंदोलन में हमारे पूर्वजों ने भाग लिया था। ओवैसी की पार्टी बिहार के सीमांचल और अन्य क्षेत्रों में मजबूत प्रदर्शन की योजना बना रही है।
उन्होंने मतदाताओं से जंगलराज से मुक्ति और विकास के नाम पर वोट देने की अपील की है। बिहार में विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे और 14 नवंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे।