क्या रोज 'पद्मासन' करने से समस्याओं से राहत मिलेगी?

सारांश
Key Takeaways
- पद्मासन मानसिक शांति और ध्यान में सहायक है।
- इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है।
- यह पीठ दर्द में राहत देता है।
- कूल्हों और घुटनों की लचीलापन बढ़ाता है।
- ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है।
नई दिल्ली, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। योग हमारे जीवन में एक आवश्यक तत्व है और पद्मासन इसका एक महत्वपूर्ण आसन है। इसे 'कमलासन' भी कहा जाता है, क्योंकि इसकी मुद्रा कमल के फूल जैसी होती है। नियमित रूप से पद्मासन करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में कई लाभ प्राप्त होते हैं।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, पद्मासन या कमलासन करने से अनेक शारीरिक और मानसिक लाभ मिलते हैं। पद्मासन ध्यान और आंतरिक शांति में वृद्धि करता है। यह मस्तिष्क को शांति प्रदान करता है और तनाव और चिंता को कम करता है।
यह आसन पेट के अंगों को सक्रिय करता है, जिससे पाचन तंत्र मजबूत होता है और कब्ज जैसी समस्याएं दूर होती हैं। यह आसन रीढ़ को सीधा रखता है, जिससे पीठ दर्द और गलत मुद्रा में बैठने से उत्पन्न समस्याओं में सुधार होता है।
यह कूल्हों, घुटनों और टखनों को लचीला बनाता है, जिससे गठिया के कारण होने वाले दर्द में राहत मिलती है। इसके अलावा, यह ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है, जिससे थकान कम होती है और शरीर की ऊर्जा बढ़ती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ पद्मासन करने की विधि को विस्तार से समझाते हैं। इसके लिए एक साफ और शांत स्थान चुनें। फिर सीधे जमीन पर बैठें और दोनों पैरों को सामने की ओर फैलाएं। दाहिने पैर को मोड़कर बाएं जांघ पर रखें, ताकि एड़ी नाभि के पास हो और बाएं पैर को मोड़कर दाहिनी जांघ पर रखें। दोनों पैरों की एड़ियां एक-दूसरे के पास रखें। इसके बाद, रीढ़ को सीधा रखते हुए, दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें। सही मुद्रा में बैठने के बाद गहरी सांस लें और 1-2 मिनट तक इस मुद्रा में रहें। शुरुआत में इस आसन को 20 से 30 सेकंड तक करना चाहिए और धीरे-धीरे समय बढ़ाना चाहिए।
हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञ कुछ सावधानियां रखने की सलाह देते हैं। यदि आपको घुटनों या कूल्हों में दर्द हो रहा है, तो इस आसन को जबरदस्ती नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं या हाल ही में सर्जरी करवाने वालों को भी डॉक्टर की सलाह के बाद यह आसन करना चाहिए। खाली पेट या भोजन के 3-4 घंटे बाद इस आसन को करना चाहिए।