क्या पहाड़ी जनजातीय समुदाय को मुख्यधारा में लाना केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता है? : मनोज सिन्हा

सारांश
Key Takeaways
- केंद्र सरकार पहाड़ी जनजातीय समुदाय को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
- आदिवासी समुदायों का सशक्तिकरण केंद्र की प्राथमिकता है।
- उपराज्यपाल ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का आह्वान किया।
- टीआरएफ जैसे संगठन झूठे आख्यान फैला रहे हैं।
- भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
श्रीनगर, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को श्रीनगर में पहाड़ी जनजातीय समुदाय के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार पहाड़ी जनजातीय समुदाय को समाज की मुख्यधारा में लाने के प्रति दृढ़ संकल्पित है।
उपराज्यपाल ने अपने भाषण की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पहाड़ी जातीय समूहों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के ऐतिहासिक निर्णय का उल्लेख करते हुए की। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदायों का सशक्तिकरण केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि पहाड़ी जनजातीय समुदाय को मुख्यधारा में लाना केंद्र सरकार का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है, और उनका सशक्तिकरण एक सशक्त और समृद्ध केंद्र शासित प्रदेश का निर्माण करेगा। मेरा मानना है कि स्थायी विकास और समावेशी समृद्धि का विजन जम्मू-कश्मीर में जनजातीय समुदाय के उज्ज्वल भविष्य को आकार देगा।
उपराज्यपाल ने कहा, "पिछले वर्ष संसद द्वारा अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान किए गए समुदाय के विकास को सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है, क्योंकि उनकी समृद्धि हमारे समावेशी विकास लक्ष्य से जुड़ी हुई है।"
पहाड़ी समुदाय के प्रतिनिधियों द्वारा रखी गई मांगों पर प्रतिक्रिया देते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पहाड़ी जातीय समूहों को संसद द्वारा पारित अधिनियम के अनुसार उनके अधिकार मिले।
उपराज्यपाल ने सभी वर्गों से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर शांति एवं स्थिरता की रक्षा के लिए चरमपंथी प्रचार का सक्रिय रूप से मुकाबला करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि कुछ विभाजनकारी तत्व, जैसे कि आतंकवादी संगठन टीआरएफ, झूठे आख्यान फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। यह एक गंभीर खतरा है, और लोगों को इसका मुकाबला करना चाहिए।
इस अवसर पर उपराज्यपाल ने भगवान बिरसा मुंडा को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में पूर्व उप मुख्यमंत्री मुजफ्फर हुसैन बेग, पूर्व विधान पार्षद एवं पहाड़ी कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री जफर इकबाल मन्हास, पहाड़ी संस्कृति एवं कल्याण मंच के अध्यक्ष श्री राजा एजाज अली, विभिन्न पहाड़ी नेता और बड़ी संख्या में पहाड़ी आदिवासी समुदाय के सदस्य उपस्थित थे।