क्या पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर की परमाणु धमकी भारत के लिए एक नई चुनौती है?

सारांश
Key Takeaways
- आसिम मुनीर का परमाणु हथियारों से संबंधित बयान भारत के लिए चिंता का विषय है।
- भारत ने इस बयान की निंदा की है।
- पाकिस्तान का यह बयान उसकी पुरानी चाल हो सकता है।
- अंतरराष्ट्रीय समुदाय में पाकिस्तान के परमाणु कमांड की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
- भारत ने स्पष्ट किया है कि वह परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा।
नई दिल्ली, ११ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर द्वारा परमाणु बम के संबंध में दी गई धमकी पर भारत की गंभीर प्रतिक्रिया आई है। भारत ने आसिम मुनीर के इस गैर-जिम्मेदाराना बयान की निंदा करते हुए इसे पाकिस्तान की पुरानी चाल बताया।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान जारी कर आसिम मुनीर की निंदा की। प्रवक्ता ने कहा, "हमारा ध्यान पाकिस्तान के सेना प्रमुख द्वारा अमेरिका यात्रा के दौरान दिए गए एक बयान की ओर गया है। परमाणु हथियारों की धमकी देना पाकिस्तान की पुरानी आदत रही है।"
उन्होंने कहा, "इस प्रकार के गैर-जिम्मेदाराना बयान अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान के परमाणु कमांड और नियंत्रण की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने के लिए मजबूर करते हैं, विशेषकर जब वहां की सेना आतंकवादी समूहों के साथ मिलकर काम करती है।"
विदेश मंत्रालय ने कहा, "यह खेदजनक है कि ये टिप्पणियां एक मित्र देश (अमेरिका) की धरती से की गईं। भारत पहले से ही स्पष्ट कर चुका है कि वह परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाता रहेगा।"
आसिम मुनीर का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण रिश्तों पर वैश्विक स्तर पर चर्चा हो रही है।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने भारत को परमाणु बम को लेकर धमकी दी थी। उन्होंने कहा, "अगर इस्लामाबाद को भारत से अस्तित्व का खतरा महसूस हुआ, तो वह आधी दुनिया को अपने साथ ले डूबेगा।"
बता दें कि पिछले कुछ महीनों में आसिम मुनीर का यह दूसरा अमेरिका दौरा है। इससे पहले वह जून में वॉशिंगटन गए थे, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन्हें व्हाइट हाउस में लंच पर आमंत्रित किया था।
हालांकि, इस यात्रा के दौरान मुनीर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए गए थे। मुनीर पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाए गए और उन्हें 'पाकिस्तानियों का कातिल' तथा 'इस्लामाबाद का कातिल' जैसे नारों से निशाना बनाया गया था।