क्या है अंजनेय स्वामी मंदिर में मौजूद हनुमान की 161 फुट की पंचमुखी प्रतिमा?

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क्या है अंजनेय स्वामी मंदिर में मौजूद हनुमान की 161 फुट की पंचमुखी प्रतिमा?

सारांश

बिदानगेरे का पंचमुखी अंजनेय स्वामी मंदिर, जहां हनुमान की विशाल 161 फुट की प्रतिमा स्थित है, भक्तों के लिए एक अद्वितीय धार्मिक स्थल है। इस मंदिर की विशेषताओं और पौराणिक कथाओं के बारे में जानें।

Key Takeaways

  • पंचमुखी अंजनेय स्वामी मंदिर का महत्व धार्मिक दृष्टि से अनूठा है।
  • यहां हनुमान जी की 161 फुट की प्रतिमा स्थित है।
  • हनुमान के पंचमुखी अवतार का पौराणिक महत्व है।
  • दर्शन करने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।
  • यह स्थान भक्तों के लिए आस्था और शक्ति का प्रतीक है।

बेंगलुरु, २५ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भक्ति और आस्था का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करने वाले पवनपुत्र हनुमान के अनेक मंदिर विभिन्न रूपों में देखने को मिलते हैं।

पुरी के समुद्र तट पर जहाँ उन्हें बेड़ी हनुमान के नाम से जाना जाता है, वहीं कर्नाटक के पहाड़ी क्षेत्रों में वह विशाल पंचमुखी अंजनेय के रूप में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं।

कर्नाटक के तुमकुरु जिले के बिदानगेरे में स्थित पंचमुखी अंजनेय स्वामी मंदिर में दुनिया की सबसे बड़ी और अनोखी हनुमान प्रतिमा अवस्थित है। यह १६१ फुट की पंचमुखी हनुमान की प्रतिमा श्रद्धालुओं के बीच एक विशेष आकर्षण का केंद्र है।

इस प्रतिमा में हनुमान के पंचमुखी अवतार को दर्शाया गया है, जिसमें पाँच सिर और आठ हाथ हैं। हनुमान के हाथों में कलश, तलवार, सुदर्शन चक्र, पहाड़, फरसा, शंख, ढाल, और त्रिशूल समाहित हैं। यह प्रतिमा सोने की तरह चमकती है और ऐसा प्रतीत होता है मानो हनुमान स्वयं इसमें समाहित हैं।

प्रतिमा में हनुमान के पाँच रूपों को दर्शाया गया है, जिनमें वराह, गरूड़, वानर, नरसिंह और अश्व अवतार शामिल हैं। पंचमुखी अवतार हनुमान ने अहिरावण का वध करने के लिए धारण किया था।

कहा जाता है कि अहिरावण बहुत शक्तिशाली था और उसने भगवान राम और लक्ष्मण का अपहरण छल से किया था। वह उन्हें पाताल लोक ले गया था। अहिरावण को हराना बहुत कठिन था, क्योंकि उसे कोई ही हरा सकता था जो पांचों दिशाओं में जल रहे दीपकों को एक साथ बुझा सके।

पुरानी कथाओं के अनुसार, विभिन्न दिशाओं में जल रहे पांच दीपकों में अहिरावण के प्राण बसे थे। ऐसे में हनुमान ने भगवान राम और लक्ष्मण की रक्षा के लिए पंचमुखी अवतार धारण किया और असंभव कार्य को पूरा किया। पंचमुखी अंजनेय स्वामी हनुमान की शक्ति का प्रतीक है। यहां भक्त भय और दुश्मनों से छुटकारा पाने के लिए दूर-दूर से आते हैं।

प्रतिमा दक्षिण दिशा की ओर है और इसके दर्शन मात्र से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। भक्तों का विश्वास है कि भगवान के दर्शन मात्र से नकारात्मकता मिटती है और सभी प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है।

Point of View

बल्कि यह भारतीय पौराणिक कथाओं से भी गहराई से जुड़ी हुई है।
NationPress
25/12/2025

Frequently Asked Questions

पंचमुखी अंजनेय स्वामी मंदिर कहाँ स्थित है?
यह मंदिर कर्नाटक के तुमकुरु जिले के बिदानगेरे में स्थित है।
पंचमुखी हनुमान की प्रतिमा की ऊँचाई कितनी है?
यह प्रतिमा 161 फुट ऊँची है।
हनुमान के पंचमुखी अवतार का महत्व क्या है?
पंचमुखी अवतार हनुमान ने अहिरावण का वध करने के लिए धारण किया था।
क्या मंदिर में दर्शन करने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है?
जी हां, भक्तों का मानना है कि यहाँ के दर्शन से नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है।
इस मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या कितनी है?
यहाँ पर दूर-दूर से भक्त दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन सटीक संख्या ज्ञात नहीं है।
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