क्या पंढरपुर का विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर कार्तिकी एकादशी पर 24 घंटे खुला रहता है?

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क्या पंढरपुर का विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर कार्तिकी एकादशी पर 24 घंटे खुला रहता है?

सारांश

पंढरपुर का विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर कार्तिकी एकादशी पर 24 घंटे खुला रहता है। यहां भक्तों की भीड़ उमड़ी रहती है, जो भगवान विष्णु के दर्शन के लिए आते हैं। जानिए इस मंदिर की खासियत और यहां की मान्यता के बारे में।

Key Takeaways

  • पंढरपुर का विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर कार्तिकी एकादशी पर 24 घंटे खुला रहता है।
  • भक्त भगवान विष्णु के लिए नंगे पैर यात्रा करते हैं।
  • देवउठनी एकादशी पर मंदिर में विशेष आयोजन होते हैं।
  • पुंडलिक की कहानी मंदिर की मान्यता को और भी खास बनाती है।
  • मंदिर में महाप्रसाद का भोज भी आयोजित होता है।

नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में कई ऐसे मंदिर हैं, जहां भक्त भगवान के दर्शन के लिए लंबी-लंबी कतारों में खड़े होते हैं, लेकिन महाराष्ट्र के पंढरपुर में एक ऐसा मंदिर है, जहां भगवान विष्णु स्वयं भक्तों का इंतजार करते हैं।

यह मंदिर चंद्रभागा नदी के किनारे स्थित है और भक्त भगवान विट्ठल से मिलन के लिए नंगे पैर यात्रा करते हैं।

बुधवार से कार्तिक मास की शुरुआत हो चुकी है, जो कि भगवान विष्णु को समर्पित होता है। माना जाता है कि इस महीने रोज स्नान करके और भगवान विष्णु की पूजा करके उनकी कृपा प्राप्त की जा सकती है। कार्तिक माह के देवउठनी एकादशी के दिन भक्त बड़ी संख्या में मंदिर पहुंचते हैं ताकि भगवान को जगाया जा सके।

इस दिन मंदिर को सुंदर फूलों से सजाया जाता है और यह 24 घंटे खुला रहता है। भक्त रात भर चंद्रभागा नदी के किनारे भजन और कीर्तन करते हैं। इस दिन महाप्रसाद का भोज भी होता है, जिसमें श्रद्धालु अपनी श्रद्धा अनुसार दान करते हैं।

पंढरपुर के इस मंदिर में आषाढ़ी एकादशी और कार्तिकी एकादशी का विशेष महत्व है। आषाढ़ी एकादशी पर भक्त कई किलोमीटर की यात्रा करते हैं। कार्तिकी एकादशी पर भगवान की नींद टूटती है, और यह दिन भक्तों के लिए खास होता है।

पंढरपुर के विट्ठल मंदिर की मान्यता काफी दिलचस्प है। कहा जाता है कि भक्त पुंडलिक ने भगवान विष्णु को अपनी माता-पिता की सेवा के लिए प्रसन्न किया। तब से भगवान की उसी प्रतिमा को मंदिर में स्थापित किया गया है।

Point of View

बल्कि यह समाज में एकता और श्रद्धा का प्रतीक भी है। यहां भक्तों की आस्था और विश्वास की गहराई इस स्थान को विशेष बनाती है। यह मंदिर हर वर्ष लाखों भक्तों को आकर्षित करता है, जो भारतीय संस्कृति की विविधता का प्रतिनिधित्व करता है।
NationPress
08/10/2025

Frequently Asked Questions

कार्तिकी एकादशी पर मंदिर में क्या विशेष आयोजन होते हैं?
कार्तिकी एकादशी पर मंदिर को फूलों से सजाया जाता है और यह 24 घंटे खुला रहता है। भक्त रातभर भजन और कीर्तन करते हैं।
क्या भक्तों को मंदिर तक पहुंचने के लिए पैदल यात्रा करनी पड़ती है?
हाँ, भक्त कई किलोमीटर की पैदल यात्रा कर विट्ठल मंदिर पहुंचते हैं।
पुंडलिक कौन हैं और उनकी कहानी क्या है?
पुंडलिक एक परम भक्त हैं, जिन्होंने अपने माता-पिता की सेवा की थी, जिसके फलस्वरूप भगवान विष्णु ने विट्ठल अवतार में प्रकट होकर उन्हें आशीर्वाद दिया।