क्या सीबीआई ने भुल्लर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का नया मामला दर्ज किया?
सारांश
Key Takeaways
- भुल्लर के खिलाफ नया मामला दर्ज हुआ है।
- पंजाब सरकार ने उन्हें निलंबित किया है।
- सीबीआई द्वारा बरामद संपत्तियां अवैध कमाई का संकेत देती हैं।
- भुल्लर की गिरफ्तारी कानून के दायरे में हुई।
- यह मामला अधिकारियों के दुरुपयोग को उजागर करता है।
चंडीगढ़, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने निलंबित पंजाब आईपीएस अधिकारी हरचरण सिंह भुल्लर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (डीए) का एक नया मामला दर्ज किया है।
हरचरण सिंह भुल्लर, जो रोपड़ रेंज के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (डीआईजी) थे, को पहले 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। अब किए गए तलाशी में बरामद संपत्ति ने मामले की जटिलता को बढ़ा दिया है। यह एफआईआर इंस्पेक्टर सोनल मिश्रा की शिकायत पर दर्ज की गई है, जो पिछले मामले से संबंधित है।
भुल्लर (2009 बैच आईपीएस) को 16 अक्टूबर को चंडीगढ़ में उनके कार्यालय से गिरफ्तार किया गया। शिकायतकर्ता आकाश बत्ता ने आरोप लगाया कि भुल्लर ने उनके मध्यस्थ के माध्यम से 8 लाख रुपए की मांग की, ताकि फतेहगढ़ साहिब में उनके स्क्रैप बिजनेस से जुड़े 2023 के एफआईआर को 'सेटल' किया जा सके। मध्यस्थ कृष्ण को भी गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद पंजाब सरकार ने 18 अक्टूबर को भुल्लर को निलंबित कर दिया।
भुल्लर पूर्व पंजाब डीजीपी M.S. भुल्लर के बेटे हैं। 16-17 अक्टूबर को भुल्लर के चंडीगढ़ स्थित आवास और अन्य स्थानों पर सीबीआई द्वारा छापेमारी में भारी मात्रा में संपत्ति बरामद हुई। नकद में 7.36 करोड़ रुपए (जिनमें से 7.36 करोड़ जब्त), 2.5 किलो सोने के आभूषण और चांदी की वस्तुएं (मूल्य 2.32 करोड़), 26 ब्रांडेड लग्जरी घड़ियां और 5 महंगी कारें (मर्सिडीज, ऑडी, इनोवा, फॉर्च्यूनर) मिलीं। इसके अलावा, 100 लीटर शराब (108 बोतलें समराला फार्महाउस से), हथियार और 50 से अधिक अचल संपत्तियों के दस्तावेज बरामद हुए।
वित्तीय संपत्तियों में भुल्लर और परिवार के नाम पर 5 बैंक खाते व 2 फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) में 2.95 करोड़ का बैलेंस था। अचल संपत्ति में चंडीगढ़ के सेक्टर 40-बी (हाउस नंबर 1489) और सेक्टर 39 (फ्लैट नंबर 1014), मोहाली, होशियारपुर व लुधियाना में 150 एकड़ कृषि भूमि व व्यावसायिक संपत्तियां शामिल हैं। शिकायत में कहा गया कि 1 अगस्त से 17 अक्टूबर 2025 तक की अवधि में ये संपत्तियां उनकी ज्ञात आय से कहीं अधिक हैं, जो अवैध कमाई का संकेत देती हैं।