क्या पप्पू यादव ने पीएम मोदी के पश्चिम बंगाल दौरे पर सवाल उठाए?

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क्या पप्पू यादव ने पीएम मोदी के पश्चिम बंगाल दौरे पर सवाल उठाए?

सारांश

पप्पू यादव ने पीएम मोदी के पश्चिम बंगाल दौरे पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने वादों के पूरे न होने पर चिंता जताई और भाजपा की नीतियों पर कटाक्ष किया। क्या यह दौरा केवल चुनावी राजनीति का हिस्सा है?

Key Takeaways

  • पप्पू यादव ने मोदी के वादों पर सवाल उठाए।
  • पश्चिम बंगाल में चुनावी गतिविधियों में तेजी।
  • राम जी योजना में राज्य योगदान पर सवाल।
  • बिहार में चुनावी वादों का न पूरा होना।
  • भाजपा की नीतियों पर गंभीर आलोचना।

पूर्णिया, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पश्चिम बंगाल दौरे पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी मोदी कई बार पश्चिम बंगाल जा चुके हैं, तो क्या हुआ?

पप्पू यादव ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि जब भी इस देश में किसी राज्य में चुनावी बिगुल बजता है, तो ये राजनेता वहां पहुंच जाते हैं। बिहार में भी इन लोगों ने कई प्रकार के लोकलुभावने वादे किए थे। उन वादों का क्या हुआ? क्या वे वादे पूरे हुए? बिहार का चुनाव पूरी तरह से नीतीश कुमार को जिताने के लिए ही था। इससे पहले ये लोग जम्मू-कश्मीर भी गए थे। क्या वहां पर किए गए वादे पूरे हुए?

पप्पू यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे पहले पश्चिम बंगाल गए थे, जहां उन्होंने रविंद्रनाथ का रूप धारण कर लिया था। इससे पहले जब ये पंजाब गए थे, तो इन लोगों ने सिख का रूप धारण कर लिया था। जब ओडिशा गए थे, तो नवीन पटनायक के राजनीतिक अस्तित्व पर संकट आ गया था।

पप्पू यादव ने दावा किया कि बंकिम चटर्जी को ये लोग दादा बोल रहे हैं, जबकि इनके मंत्री उनका नाम भी नहीं ले पा रहे हैं। ये लोग कुछ भी टिप्पणी कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल तो महात्मा गांधी को मानने वाली भूमि है। वहां पर लोग काली माता को मानते हैं। वहां पर सभी पापियों का नरसंहार करते हैं। रविंद्र नाथ टैगोर और महात्मा गांधी शांति के प्रतीक हैं। पश्चिम बंगाल में नफरत का कोई आधार नहीं है। ऐसी स्थिति में इन लोगों का पश्चिम बंगाल में कुछ नहीं होने वाला है। विवेकानंद ने वसुधैव कुटुंबकम की बात की। भाजपा ने सुभाष चंद बोस को कभी सम्मान नहीं दिया। ऐसी स्थिति में यही कहना है कि भाजपा का वहां पर क्या काम है।

पप्पू यादव ने कहा कि पश्चिम बंगाल में अप्रैल में विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसी स्थिति में इस बात की पूरी प्रबल संभावना है कि आगामी दिनों में केंद्र सरकार की ओर से बजट में भी बंगाल ही बंगाल किया जाएगा। मैं समझता हूं कि इन लोगों को पश्चिम बंगाल के हितों से कोई लेना देना नहीं है।

वहीं, विकसित भारत-जी राम जी योजना पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राम जी प्रेम और मानवता के प्रतीक थे, लेकिन इन लोगों को कुछ पता नहीं है। इन लोगों ने मनरेगा की हत्या कर दी। इन लोगों ने आज तक किसी को रोजगार नहीं दिया। अगर मनरेगा की योजना नहीं होती, तो मजदूरों का कोरोना काल में बुरा हाल हो जाता। जिन लोगों ने आज तक अपने शासनकाल में 60 दिनों तक किसी को रोजगार नहीं दिया, वो लोग भला 125 दिनों तक किसी को कैसे रोजगार दे सकते हैं।

पप्पू यादव ने जी राम जी योजना में राज्य सरकार की ओर से 40 फीसदी योगदान देने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कौन सा बीमारू राज्य इन्हें 40 फीसदी का योगदान देगा। अब सभी राज्यों की हालत महाराष्ट्र या कर्नाटक की तरह तो नहीं है। ऐसी स्थिति में 40 फीसदी योगदान देने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।

उन्होंने दावा किया कि मनरेगा की योजना में बदलाव करके इन लोगों ने गरीबों के पेट में लात मार दी। आप लोग आरक्षण को खत्म नहीं कर सकते थे, तो आपने नौकरियों को ही खत्म कर दिया। आप लोग दलित आदिवासियों का भला नहीं करना चाहते थे, तो आपने एसआईआर का सहारा लेकर उनके अस्तित्व को ही खत्म करने का विचार कर लिया, जिसे अब किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

Point of View

लेकिन राजनीति में ऐसे सवाल उठना आम बात है। चुनावी मौसम में हर नेता अपने तरीके से जनता का दिल जीतने की कोशिश करता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इस आलोचना का क्या जवाब देती है।
NationPress
21/12/2025

Frequently Asked Questions

पप्पू यादव ने पीएम मोदी के दौरे पर क्या सवाल उठाए?
पप्पू यादव ने कहा कि पीएम मोदी के पिछले वादे कभी पूरे नहीं हुए और यह दौरा चुनावी राजनीति का हिस्सा है।
बंगाल में आगामी चुनावों की स्थिति क्या है?
पश्चिम बंगाल में अप्रैल में विधानसभा के चुनाव होने हैं, जो भाजपा और टीएमसी दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
राम जी योजना पर पप्पू यादव की राय क्या है?
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 40 फीसदी योगदान देने का कोई सवाल नहीं है।
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