क्या यूक्रेन, अमेरिका और रूस के बीच प्रस्तावित बातचीत से शांति संभव है?
सारांश
Key Takeaways
- यूक्रेन, अमेरिका और रूस के बीच त्रिपक्षीय बैठक की संभावना।
- जेलेंस्की ने बैठक का समर्थन किया लेकिन सतर्कता भी व्यक्त की।
- कैदियों की अदला-बदली की संभावना।
- जापोरिज़्ज़िया परमाणु संयंत्र का नियंत्रण एक बड़ा मुद्दा।
- पिछली वार्ताओं के सकारात्मक परिणाम।
कीव, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर जेलेंस्की ने कहा है कि वे यूक्रेन, अमेरिका और रूस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की त्रिपक्षीय बैठक के विचार का आमतौर पर समर्थन करते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे इस तरह की बैठक को आशावादी और सतर्क दोनों दृष्टिकोण से देखते हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने इंटरफैक्स-यूक्रेन के हवाले से बताया कि ज़ेलेंस्की के अनुसार यह प्रस्ताव अमेरिका से आया है, जिसे यूक्रेन के प्रमुख शांति वार्ताकार रुस्तेम उमेरोव ने उन्हें बताया।
जेलेंस्की ने कहा कि उन्हें पूरी तरह भरोसा नहीं है कि इस बैठक से कुछ नया निकलेगा, लेकिन उन्होंने यह भी याद दिलाया कि तुर्किये में हुई पिछली बातचीत के बाद कई सैनिकों और आम नागरिकों की घर वापसी संभव हो पाई थी।
उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि बातचीत हुई। हमारे लोग, हमारे सैनिक, खासकर युद्धबंदी और आम नागरिक वापस लौटे। इसलिए ऐसे कदम उठाने की आवश्यकता है।”
जेलेंस्की ने आगे कहा कि अगर इस बैठक से कैदियों की अदला-बदली या अन्य समझौता होता है, तो वे इसका विरोध नहीं करते हैं। वे अमेरिका के प्रस्ताव का समर्थन करते हैं और देखना चाहते हैं कि आगे क्या होता है।
हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि शांति प्रक्रिया से जुड़े सबसे कठिन मुद्दे अब भी हल नहीं हुए हैं, जिनमें इलाकों से जुड़े विवाद, जापोरिज़्ज़िया परमाणु ऊर्जा संयंत्र का नियंत्रण और यूक्रेन के पुनर्निर्माण के लिए फंडिंग शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की ओर से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और उनके दामाद जेरेड कुशनर बैठक में शामिल हो सकते हैं। वहीं, रूस की ओर से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विशेष दूत किरिल दिमित्रीव के शामिल होने की संभावना है।
इसके अलावा, यूक्रेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रुस्तेम उमेरोव की अमेरिका के प्रतिनिधिमंडल से मियामी या अमेरिका के किसी अन्य शहर में अलग से मुलाकात भी हो सकती है।
ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार, पिछले सप्ताह बर्लिन में हुई बातचीत के दौरान अमेरिका, यूरोप और यूक्रेन के अधिकारियों के बीच 20 सूत्रीय अमेरिकी शांति योजना पर करीब 90 प्रतिशत मतभेदों को सुलझा लिया गया है।