क्या वैश्विक अनिश्चितता के बावजूद एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत का रियल एस्टेट सेक्टर सबसे मजबूत है?
सारांश
Key Takeaways
- भारत का रियल एस्टेट मार्केट वैश्विक अनिश्चितता के बावजूद स्थिर है।
- बड़े विदेशी कंपनियों का भारत में ऑफिस बढ़ाना।
- बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली-एनसीआर का प्रमुख स्थान।
- वर्ष 2025 में ग्रेड ए ऑफिस स्पेस की उपलब्धता।
- आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण ऑफिस की मांग।
नई दिल्ली, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र के सबसे मजबूत रियल एस्टेट बाजारों में शामिल हो गया है। दुनिया के कई देशों में आर्थिक अनिश्चितता और विकास की गति धीमी होने के बावजूद, भारत का रियल एस्टेट सेक्टर सकारात्मक स्थिति में है और इसके विकास के अच्छे अवसर दिख रहे हैं।
नाइट फ्रैंक ने अपनी एशिया-पैसिफिक आउटलुक 2026 रिपोर्ट में कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था की नींव मजबूत है। यहां बड़ी संख्या में कुशल लोग हैं और रियल एस्टेट मार्केट निरंतर सुधार कर रहा है। यही कारण है कि भारत अन्य देशों की तुलना में अधिक स्थिर और भरोसेमंद नजर आता है।
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि वर्ष 2026 में एशिया-प्रशांत क्षेत्र की अर्थव्यवस्था थोड़ी धीमी हो सकती है, लेकिन भारत का रियल एस्टेट मार्केट इससे अधिक प्रभावित नहीं होगा। देश में ऑफिस और अन्य प्रॉपर्टी की मांग बनी रहेगी और बाजार में स्थिरता देखने को मिलेगी।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत का ऑफिस मार्केट एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे मजबूत रहने की संभावना है। बड़ी विदेशी कंपनियां यहां अपने ऑफिस बढ़ा रही हैं, टेक्नोलॉजी सेक्टर में नौकरियां बढ़ रही हैं और कंपनियों का भरोसा भी मजबूत है। इसके परिणामस्वरूप, 2025 के दौरान भारत में ऑफिस स्पेस की लीज सबसे अधिक रही।
बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली-एनसीआर जैसे प्रमुख शहर भारत के ऑफिस मार्केट में सबसे आगे हैं। इन शहरों में ऑफिस का किराया वर्ष 2026 में लगभग 7.5 प्रतिशत से 9 प्रतिशत तक बढ़ सकता है, क्योंकि यहां ऑफिस की मांग लगातार बढ़ती जा रही है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वर्ष 2025 में भारत ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की, जब देश के टॉप-8 शहरों में ग्रेड ए ऑफिस स्पेस एक अरब वर्ग फुट से अधिक हो गया। यह दर्शाता है कि भारत में आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण ऑफिस इमारतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर शिशिर बैजल ने बताया कि भारत विदेशी कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि भारत में काम करना सस्ता है, योग्य कर्मचारी आसानी से उपलब्ध हैं और नियम-कानून भी स्थिर हैं। इसके अलावा, भारत का ऑफिस सिस्टम अब पहले से अधिक आधुनिक हो चुका है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भविष्य में ऑफिस की गुणवत्ता सबसे महत्वपूर्ण होगी।
2000 के दशक की शुरुआत में बने कई कार्यालय इमारतें अब अपनी उपयोगिता खो चुकी हैं, इसलिए लोग बेहतर एयर कंडीशनिंग सिस्टम, प्राकृतिक रोशनी, नई तकनीक और पर्यावरण के अनुकूल सुविधाओं से लैस ऑफिसों में अधिक निवेश कर रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, अब कंपनियां केवल बड़े नहीं, बल्कि आरामदायक और सुरक्षित ऑफिस भी चाहती हैं और इसके लिए वे अधिक भुगतान करने को तैयार हैं।