क्या मेनोपॉज में मोरिंगा के अद्भुत फायदे हैं?
सारांश
Key Takeaways
- मोरिंगा मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल संतुलन में मदद करता है।
- यह हड्डियों को मजबूत बनाता है और ऑस्टियोपोरोसिस की संभावना को कम करता है।
- क्वेरसेटिन और फ्लेवोनोइड्स गर्मी और पसीने की समस्याओं में राहत देते हैं।
- मोरिंगा इम्यूनिटी बढ़ाता है और डायबिटीज में सहायक है।
- यह पाचन को सुधारता है और यौन स्वास्थ्य को बनाए रखता है।
नई दिल्ली, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। महिलाओं के जीवन में मेनोपॉज एक ऐसा महत्वपूर्ण चरण है, जो शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की चुनौतियाँ प्रस्तुत करता है। इस अवधि में शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप गर्मी, पसीना, मूड में उतार-चढ़ाव, थकान, और हड्डियों की कमजोरी जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं। ऐसे समय में कुछ प्राकृतिक उपाय अपनाकर इन समस्याओं से राहत मिल सकती है। इन्हीं उपायों में से एक है मोरिंगा, जिसे सहजन भी कहा जाता है।
मोरिंगा को आयुर्वेद में एक उत्कृष्ट औषधि के रूप में मान्यता प्राप्त है। इसके पत्ते, फली और बीजों में शरीर के लिए आवश्यक विटामिन और मिनरल प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसमें विटामिन ए, सी, आयरन, और कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है। इसके अतिरिक्त, मोरिंगा में क्वेरसेटिन और फ्लेवोनोइड्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर को तनाव से बचाने में मदद करते हैं। विटामिन ई महिलाओं के यौन स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक है। इसका फाइबर गुण पाचन तंत्र को मजबूत करता है और जोड़ों के दर्द में आराम देता है।
मेनोपॉज के दौरान शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर कम होने लगता है। इसका प्रभाव हड्डियों, त्वचा और मूड पर पड़ता है। मोरिंगा इस प्रक्रिया में कई तरह से सहायक होता है। मोरिंगा में उपस्थित कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएँ कम हो सकती हैं।
क्वेरसेटिन और फ्लेवोनोइड्स मेनोपॉज के दौरान गर्मी लगने और रात में पसीने जैसी समस्याओं में राहत प्रदान करते हैं।
एक अध्ययन में यह पाया गया है कि मोरिंगा का नियमित सेवन शरीर में एंटीऑक्सीडेंट स्तर को बढ़ाता है, जिससे मानसिक तनाव और थकान में कमी आती है। आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से, मोरिंगा त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) को संतुलित करता है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए लाभकारी है।
मोरिंगा सिर्फ मेनोपॉज तक ही सीमित नहीं है। यह इम्यूनिटी बढ़ाता है, जिससे शरीर संक्रमण से लड़ने में सक्षम रहता है। डायबिटीज के रोगियों के लिए मोरिंगा रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है। लिवर को डिटॉक्स करने में भी यह सहायक है और हृदय स्वास्थ्य, ऊर्जा स्तर, और मानसिक ताजगी में सुधार लाता है।
मोरिंगा को पत्तियों, पाउडर या चाय के रूप में लिया जा सकता है, लेकिन इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।