महिलाओं में पोषण की कमी के संकेत कौन से हैं? जानें कारण और उपचार
सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं में पोषण की कमी के संकेतों को पहचानना आवश्यक है।
- आहार में सुधार से स्वास्थ्य में सुधार संभव है।
- आयुर्वेद के अनुसार, पाचन अग्नि का संतुलन महत्वपूर्ण है।
- सही विटामिन और खनिजों का सेवन करें।
- पानी की उचित मात्रा का सेवन करें।
नई दिल्ली, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। महिलाओं के जीवन के हर चरण में उनके शरीर को अनेक परिवर्तनों का सामना करना पड़ता है, जिसमें मां बनने के बाद की अवस्था और मेनोपॉज के चरण का विशेष महत्व होता है।
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, महिलाओं का शरीर कई बदलावों और कमियों से जूझने लगता है। उनके शरीर द्वारा हर कमी के संकेत दिए जाते हैं, जिन्हें नज़रअंदाज़ करना समग्र स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। छोटी-छोटी परेशानियां कई बड़ी बीमारियों का कारण बन सकती हैं।
महिलाओं में पोषण की कमी के संकेतों में बालों का झड़ना, चेहरे पर झाइयां, मासिक धर्म में दर्द, मेनोपॉज के बाद बढ़ता वजन, थकान, चिड़चिड़ापन, हड्डियों में दर्द, नींद न आना, और खून की कमी शामिल हैं। ये सभी लक्षण साधारण लग सकते हैं, लेकिन ये छोटी समस्याएं गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकती हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, इसका मुख्य कारण पेट की पाचन अग्नि होती है। जब यह कमजोर होती है, तब शरीर को सम्पूर्ण पोषण नहीं मिल पाता, जिससे पोषण की कमी होती है। इसके अलावा, वात, पित्त और कफ के दोषों का असंतुलन भी महिलाओं में पोषक तत्वों की कमी का कारण बनता है। आमतौर पर महिलाओं में विटामिन बी12, कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, ओमेगा थ्री और फोलिक एसिड की कमी देखी जाती है।
इन विटामिन और खनिजों की कमी कई बीमारियों को आमंत्रित करती है। इसलिए, महिलाओं को अपने आहार में परिवर्तन लाना आवश्यक है। सुबह की शुरुआत सूखे मेवों से करें, जैसे बादाम, अंजीर, अखरोट और किशमिश। इन्हें रात को पानी में भिगोकर रखें और सोने से पहले दूध के साथ हल्दी, शतावरी या अश्वगंधा का सेवन करें, यह मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं में राहत प्रदान करेगा।
महिलाओं को हरी सब्जियों का सेवन अवश्य करना चाहिए। अपने आहार में गाजर, चुकंदर, तिल, और हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें। सर्दियों में हड्डियों के दर्द से राहत के लिए तिल और गुड़ का सेवन करें। इसके अतिरिक्त, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और चाय-कॉफी का सेवन न करें। यदि पेट की कोई समस्या हो, तो त्रिफला चूर्ण का सेवन सुबह खाली पेट करें।